Corrupt Tehsildar: 0.1970 हेक्टेयर भूमि में, कुल 0.3176 हेक्टेयर भूमि का दाखिल खारिज? क्या सचमुच दिमाग में गोबर भरा है?
Corrupt Tehsildar
डा0वी0के0सिंह
(वरिष्ठ पत्रकार)
Corrupt Tehsildar : प0उ0प्र0 / दादरी गौतमबुद्घनगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश स्थित तहसील दादरी में, नायब तहसीलदार/ तहसीलदार व राजस्व निरीक्षकों एव भू माफियाओं की मिलीभगत से अरबो रुपये की जमीनो का घोटाला होने के पर्याप्त साक्ष्य

प्राप्त रहे हैं और, उसमे भी रोचक बात यह है कि, जिला गौतमबुद्धनगर प्रशासन समेत, समूची उत्तर प्रदेश सरकार एवं सरकारी तंत्र भृष्ट तहसील प्रशासन दादरी को बचाने पर लगा है।
विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी एव साक्ष्यों से ज्ञात है कि, राजस्व ग्राम गढ़ी चौखण्डी स्थित खसरा संख्या 17 मि, कुल रकबा 0.1970 हेक्टेयर में से 10 बैनामा अंतर्गत धारा 34 उ0प्र0रा0 सहिंता 2006, नाम बनाम अनीता दुबे बनाम वीरेंद्र वाद संख्या टी-

13963/ 2018, ज्योत्स्ना दुबे बनाम वीरेंद्र कुमार वाद संख्या 13964/ 2018, अनीता बनाम ज्ञानो वाद संख्या टी- 13965-एव अंततः दसवा दाखिल खारिज वाद संख्या गीता देवी बनाम सुरेश चंद वाद संख्या टी – 27022/ 2023 न्यायालय नायब
तहसीलदार (उत्तरी) दादरी द्वारा दाखिल खारिज किये गये, जिसमें राजस्व ग्राम गढ़ी चौखंडी के खसरा संख्या 17 मि कुल रकबा 0.1970 हेक्टेयर में, 0.3176 हेक्टेयर का दाखिल खारिज किया गया।
समझ मे नहीं आता है कि, बैनामा करने वाले उपनिबंधक, दाखिल खारिज करने वाले नायब तहसीलदार न्यायालय व दाखिल खारिज राजस्व अभिलेखों में अंकित करने वाले कानूनगो (राजस्व निरीक्षक गण) सभी ने भाँग खा रखी थी या वर्तमान भाजपा सरकार ने ही किसी बहुत बड़ी भूल के वशीभूत अधिकारियों की जगह भट्टे में ईंट ढोने का काम करने वाले खच्चरों को दादरी तहसील में नायब तहसीलदार/
तहसीलदार व कानूनगो नियुक्त कर बैठी है?
विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात है कि, अब तो क्षेत्र की गरीब जनता भी सरकार एवं उच्चाधिकारियों से गुहार लगा रही है, और चारो ओर त्राहि माम् त्राहि माम् के सिसकते स्वर में एक ही आवाज आती है,

*”हे योगी, हे सर्वेश्वर, हे अन्तर्यामी, हे जगत नियन्ता अपने सरकारी गुण्डे अर्थात एसडीएम/ तहसीलदार/ नायब तहसीलदार/ कानूनगो के गैंग से बचा लो, जीवन दान दे हमे, हम मर जायेंगे प्रभु, आप मुख्यमंत्री से पहले योगी हैं किन्तु, आपके एसडीएम/
तहसीलदार/ कानूनगो को सचमुच गैंगेस्टर विकास दुबे/ अतीक अहमद/ मुख्तार अंसारी/ से ज्यादा खतरनाक हैं, इनके घर पर कब बिलडोज़र चलेगा और कब, इनकी नामी और बेनामी सम्पत्तियों की जांच होंगी? या सचमुच उत्तर प्रदेश सरकार भी आगामी 2027 के लिए,
भू माफिया प्रेमी एव अधिकारियों से चंदा इकट्ठा कर, पार्टी फण्ड बढ़ा रही है?
बहराल, वास्तविक निष्कर्ष तो यह कि, भू माफ़िया / गैंगेस्टर की परिभाषा तो यही है कि, गैंग बनाकर, बलपूर्वक, सरकारी या गैर- सरकारी अर्थात निजी संपत्ति पर कब्जा करने या फिर किसी सरकारी, गैर सरकारी, एससी/ एसटी की जमीन खरीदने, बेंचने व कब्जा करने जैसे, कृत्य गैंगेस्टर व भू माफिया की श्रेणी में आते हैं,
जिन पर वर्तमान भाजपा शासित उत्तर प्रदेश योगी सरकार बिलडोज़र कार्यवाही करती रही है किन्तु आपके सरकारी गंगेस्टर्स पर भी वही कार्यवाही होगी या उन्हें सरकारी गंगेस्टर्स होने के नाते विशेष छूट दी जाएगी?
बहराल सम्पूर्ण समाचार साक्ष्यो पर आधारित है, यदि सरकार का वास्तव में भू माफियाओं औऱ भृष्ट तथा खच्चर अधिकारियों से कोई संबंध नहीं है तो, सरकार ऐसे भृष्ट सरकारी भू माफियाओं पर नकेल कसते हुए घर कब भेज रही है ?
