Divya Kala Shakti ,गुजरात के 30 दिव्यांगजनों ने 1 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृति पत्र दिए; समापन समारोह के दौरान 18 दिव्यांगजनों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए
Divya Kala Shakti
20 राज्यों और संघ क्षेत्रों के 100 से अधिक दिव्यांग कलाकार और व्यवसायी 11 दिवसीय कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं
दिव्य कला मेले का भव्य समापन समारोह वडोदरा के अकोटा अखाड़े में नागरिक अधिकार एवं सशक्तिकरण राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना पर मनमोहक नृत्य प्रदर्शन के साथ हुई।
श्री अठावले ने दिव्यांगजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

उन्होंने राज्य के शीर्ष नेता श्री नरेन्द्र मोदी के विजन को रेखांकित करते हुए कहा, “वर्ष 2047 तक, जब भारत स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा, तब हमारे दिव्यांगजन पूरी दुनिया को जगाएंगे।
श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व
” उन्होंने आगे कहा कि राज्य के नेता श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के लिए व्यवसाय, कौशल विकास और वित्तीय सहायता को बढ़ावा देने के लिए कई अभियान चलाए गए हैं।
इस अवसर पर एनडीएफडीसी के सीएमडी श्री नवीन शाह ने कहा कि यह 23वां मेला है, जो दिव्यांगजन उत्पादों के वित्तीय सुदृढ़ीकरण और प्रदर्शन के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।
9-19 जनवरी, 2025 तक आयोजित 11 दिवसीय मेले ने दिव्यांग कारीगरों और व्यापारियों को अपने उत्पादों और शिल्पकला को प्रदर्शित करने के लिए सशक्त बनाने के लिए एक असाधारण मंच प्रदान किया। इस अवसर पर 20 राज्यों और संघ क्षेत्रों के 100 से अधिक दिव्यांग कारीगरों और व्यापारियों ने भाग लिया।

गुजरात के 30 दिव्यांगजनों को 1 करोड़ रुपये के ऋण प्राधिकरण पत्र दिए गए। इरकॉन के सीएसआर अभियान के तहत 11 दिव्यांगजनों को मशीनीकृत तिपहिया साइकिलें वितरित की गईं, जबकि एलिम्को की ओर से 14 दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण दिए गए।
दिव्यांगजनों के लिए 17 जनवरी को एक कार्य मेला भी आयोजित किया गया, जहां समापन समारोह के दौरान 18 दिव्यांगजनों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए।
सामाजिक कार्यक्रम
Divya Kala Shakti’ सामाजिक कार्यक्रम में 15 राज्यों के 78 प्रतिभाशाली दिव्यांग कलाकारों ने भाग लिया, जिन्होंने 36 मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत ‘जय गर्वी गुजरात’ गीत पर सामूहिक नृत्य से हुई। जम्मू-कश्मीर की स्वाति ने लगान फिल्म के गीत ‘राधा कैसे न जले’ पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया।

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ओडिशा की संयोगिता समादार ने अपने पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। समापन समारोह में दृष्टिबाधित व्यक्तियों के संघ, अहमदाबाद के कलाकारों ने जोशीला प्रदर्शन किया। अर्पण परोपकारी ट्रस्ट, समर्थ सभा और पार्थ सभा जैसी संस्थाओं के विशेषज्ञों ने भी शानदार प्रदर्शनियाँ कीं।
जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकारों ने हस्तकला, हथकरघा, बुनाई और बंडल किए गए खाद्य पदार्थों सहित अपनी बेहतरीन वस्तुओं का प्रदर्शन किया, जिससे ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को बढ़ावा मिला। सांस्कृतिक प्रदर्शनियों और विभिन्न खाद्य पदार्थों ने इस अवसर की अपील को और बढ़ा दिया।