राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष ने बाबासाहेब Bhimrao Ambedkar’s Birth Anniversary पर संसद भवन परिसर स्थित प्रेरणा स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की।
Dr.Bhimrao Ambedkar’s Birth Anniversary
केंद्रीय मंत्रियों, संसद सदस्यों, पूर्व सदस्यों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति श्री जगदीप धनखड़, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा के अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर आज संसद भवन परिसर स्थित प्रेरणा स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर कई केंद्रीय मंत्रियों,

राज्यसभा में विपक्ष के नेता श्री मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता श्री राहुल गांधी, राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, संसद सदस्यों, पूर्व संसद सदस्यों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
बाद में, लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, केंद्रीय मंत्रियों, राज्यसभा में विपक्ष के नेता श्री मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता श्री राहुल गांधी, राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश,
दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, संसद सदस्यों और पूर्व संसद सदस्यों ने संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव क्रमशः श्री उत्पल कुमार सिंह और श्री पी.सी. मोदी ने भी संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की।
भारत के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य
बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारत के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव डालकर एक स्थायी विरासत छोड़ी थी। सामाजिक न्याय के एक चैंपियन के रूप में प्रसिद्ध, उन्हें भारतीय समाज में उनके पर्याप्त और विविध योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है।
डॉ. अंबेडकर की महत्वपूर्ण उपलब्धि भारतीय संविधान की मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करना था, जहां वे संविधान सभा की बहसों में एक प्रमुख खिलाड़ी थे।
उन्हें भारतीय संविधान के समावेशी और न्यायपूर्ण सिद्धांतों के पीछे प्रेरक शक्ति माना जाता है। बाबासाहेब डॉ. का चित्र। 12 अप्रैल 1990 को तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में भीमराव अंबेडकर का अनावरण किया, जिसे पहले संसद भवन के रूप में जाना जाता था।

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डॉ. आंबेडकर को श्रद्धांजलि
पिछले दिनों डॉ. आंबेडकर को श्रद्धांजलि देते हुए श्री बिरला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, “भारतीय संविधान के निर्माता, देश के पहले कानून मंत्री,
बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। बाबासाहेब जीवन भर समानता, स्वतंत्रता, न्याय और भाईचारे के लिए प्रतिबद्ध रहे।

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एक साधारण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद उन्होंने समाज में वांछित परिवर्तन लाने के लिए शिक्षा को माध्यम बनाया। संविधान सभा में प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विधायी दस्तावेज ‘भारत के संविधान’ का मसौदा तैयार किया।
आज जब संविधान को लागू हुए 75 साल हो गए हैं, तो बाबासाहेब का दर्शन और भी अधिक प्रासंगिक है। उनके विचार हमें हर तरह के अन्याय, शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ एकजुट रहने की प्रेरणा देते हैं।
वंचित वर्ग के उत्थान और राष्ट्र के सशक्तिकरण के लिए समर्पित डॉ. आंबेडकर का जीवन युगों-युगों तक करोड़ों देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा।”
