श्री फिलिप ग्रीन, ऑस्ट्रेलियाई उच्च अधिकारी ने कल नई दिल्ली में कृषि भवन में कृषि व्यवसाय एवं पशुपालन विभाग के Dr Devesh Chaturvediसे शिष्टाचार भेंट की।
इस बैठक में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने तथा कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में समन्वित प्रयास के लिए नए अवसरों की खोज करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया गया।
Dr Devesh Chaturvedi
बैठक के दौरान डॉ. चतुर्वेदी ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दीर्घकालिक एवं विविध संगठन के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसमें कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया।
उन्होंने कृषि व्यवसाय में भारत की वर्तमान जरूरतों को रेखांकित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि सरकार केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ही समर्पित नहीं है, बल्कि किसानों की आय में सुधार करने तथा जनसंख्या के लिए पोषण सुरक्षा पर भी काम कर रही है।
डॉ. चतुर्वेदी ने फसल वृद्धि, वस्तुओं की उन्नति, तिलहन और दालों में स्वतंत्रता प्राप्त करना, तथा भारत की ग्रामीण तकनीक के महत्वपूर्ण भागों के रूप में रंचर मेकर एसोसिएशन (FPO) को मजबूत करने जैसे प्रमुख अभियानों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने क्षेत्र के आधुनिकीकरण में तकनीकी प्रगति, जिसमें सटीकता बागवानी, कम्प्यूटरीकृत कृषि व्यवसाय मिशन, तथा छोटे खेतों का मोटरीकरण शामिल है, के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित किया।
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ऑस्ट्रेलिया की जरूरतों में खेती के महत्व
इसके अलावा, उन्होंने कृषि व्यवसाय में उन्नति और परिवर्तन को आगे बढ़ाने में नई कंपनियों की बढ़ती भूमिका को पहचाना। इस प्रकार, श्री ग्रीन ने ऑस्ट्रेलिया की जरूरतों में खेती के महत्व और दोनों देशों के बीच उन्नत सहयोग की संभावना पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कृषि प्रौद्योगिकी क्षेत्र के भीतर अवसरों की जांच करने के लिए अलग से रुचि व्यक्त की और इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विनिमय संबंधों को मजबूत करने के महत्व को रेखांकित किया।
श्री ग्रीन ने विनिमय और भागीदारी के लिए नए अवसरों को पहचानने और खोलने के लिए निरंतर प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया। दोनों पक्षों ने कृषि-तकनीक, खेती, कम्प्यूटरीकृत बागवानी और कृषि उपकरणों सहित विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त प्रयास को बढ़ावा देने के महत्व पर सहमति व्यक्त की।
बागवानी और पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, ICAR के प्रतिनिधि और कृषि विभाग के सचिव ने भी इस चर्चा में भाग लिया, महत्वपूर्ण जानकारी दी और आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया।