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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना 5वां और देश का 75वां बजट पेश कर रही हैं

निर्मला सीतारमण अपना 5वां और देश का 75वां बजट पेश कर रही हैं

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना 5वां और देश का 75वां बजट पेश कर रही हैं। सीतारमण ने कहा कि यह अमृतकाल का पहला बजट है, जो पिछले बजट में खड़ी की गई नींव पर पड़ा है। हम ऐसा भारत चाहते हैं, जहां महिलाओं, किसानों, अनुसूचित जाति समेत सभी को जगह मिले। वैसे भी निर्मला सीतारमण पिछले 4 बजट में कुछ न कुछ नया करती आई हैं। चाहे वो ब्रीफकेस से बही-खाता हो, पेपर लेस बजट हो या फिर सबसे लंबा बजट भाषण। इस बार का पता नहीं। कुछ खास हो सकता है।

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण पढ़ना शुरू कर दिया है

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण पढ़ना शुरू कर दिया है। वित्तमंत्री ने इसे अमृत काल का पहला बजट कहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि आने वाले एक साल तक गरीबों को मुफ्त अनाज मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि युद्ध और कोरोना के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत है। इससे पहले आज सुबह वित्तमंत्री ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें बजट की कॉपी सौंपी। महंगाई, घटते जॉब, ग्लोबल मंदी और अगले साल होने वाले आम चुनावों को देखते हुए इस बार के बजट को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सरकार ने 2020 में प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की थी

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जानकारों को उम्मीद है कि बजट में वित्तमंत्री उज्जवला एवं आयुष्मान जैसी जनहितैषी योजनाओं में आवंटन को बढ़ा सकती हैं। कोविड महामारी के बाद से आर्थिक तंगी और महंगाई की मार झेल रहे देश के करोड़ों गरीब परिवारों को केंद्र सरकार ने फिर से राहत दी है। केंद्र ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कवर किए गए लोगों को अगले एक साल यानी दिसंबर 2023 तक मुफ्त में राशन उपलब्ध कराने का फैसला किया है। गरीबों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने के लिए सरकार ने 2020 में प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की थी।

पात्रता के अनुसार अलग-अलग प्रकार के राशन कार्ड जारी किये जाते है

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इस कल्याणकारी योजना के तहत डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के अंतर्गत शामिल व्यक्तियों समेत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) और बीपीएल परिवारों के तहत शामिल सभी लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो अनाज मुफ्त दिया जाता है। हर परिवार को पात्रता के अनुसार अलग-अलग प्रकार के राशन कार्ड जारी किये जाते है। बीपीएल राशन कार्ड सिर्फ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को ही दिया जाता है।

मुफ्त अनाज समेत कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं

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अगर आप भी ऐसे परिवार के अंतर्गत आते है तो आपको भी बीपीएल राशन कार्ड बनवाकर हर महीने मुफ्त अनाज समेत कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, आवेदन करने से पहले इसकी पात्रता की शर्तें जान लें। इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। अगले साल लोकसभा चुनाव है, तो उससे पहले ये आखिरी फुल बजट है। सरकार के पास देश को बताने और जताने का बड़ा इंस्ट्रूमेंट होता है बजट। युवाओं के कृषि स्टार्ट अप्स को बढ़ावा देने के लिए एग्रीकल्चर फंड की स्थापना की जाएगी।

रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए का बजट दिया गया है

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रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। पीएम आवास योजना में 66 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है यह सेक्टर अब 69 करोड़ रुपए का हो गया है। 2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है। कोविड महामारी के दौरान हमने यह निश्चित किया कि कोई भूखा न सोए। हमने 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 28 महीने तक मुफ्त राशन दिया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।

प्रतिव्यक्ति आय 1.97 लाख यानी दोगुने से ज्यादा हो गई है

2014 से ही सरकार की कोशिश लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाना और क्वालिटी देना रहा है। प्रतिव्यक्ति आय 1.97 लाख यानी दोगुने से ज्यादा हो गई है। दुनिया भारत को चमकदार सितारे की तरह देख रही है। ग्लोबल स्लोडाउन के चलते हमारी विकास दर 7% रही है। बाकी देशों की तुलना में सबसे मजबूत है। बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा। अगले 3 साल में 740 एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स और सपोर्ट स्टाफ नियुक्त किए जाएंगे।

157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे

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इसके तहत 3.5 लाख आदिवासी छात्रों को फायदा मिलेगा। 2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। कोरोना से प्रभावित हुए छोटे और मझोले उद्योगों को राहत दी जाएगी। विवादों के निपटारे के लिए स्वैच्छिक समाधान योजना लाई जाएगी। लंबी प्रोसेस के बिना ही विवाद सुलझ सकेंगे। पिछड़े आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए PMPBTG विकास मिशन शुरू किया जाएगा। इससे PBTG बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी।

वित्त मत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के सात आधार बताए

15 हजार करोड़ दिए जाएंगे। वित्त मत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के सात आधार बताए। इन्हें सप्तर्षि कहा गया है। 1. समावेशी विकास, 2. वंचितों को वरीयता, 3. बुनियादी ढांचे और निवेश, 4. क्षमता विस्तार 5. हरित विकास, 6. युवा शक्ति, 7. वित्तीय क्षेत्र। वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। इसके लिए सरकारी फंडिंग और वित्तीय क्षेत्र से मदद ली जाएगी। इस ‘जनभागीदारी’ के लिए ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ अनिवार्य है।

सीतारमण ने पहले बजट के साथ ही परंपराओं को तोड़ना शुरू किया

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सीतारमण ने पहले बजट के साथ ही परंपराओं को तोड़ना शुरू किया। 2019 में ब्रीफकेस बजट की जगह लाल कपड़े में बजट दस्तावेज लेकर पहुंचीं यानी बहीखाता। रिकॉर्ड 2 घंटे 17 मिनट तक भाषण दिया। इससे पहले सबसे लंबी स्पीच जसवंत सिंह ने दी थी। 2003 में वे 2 घंटे 15 मिनट तक बोले थे। सीतारमण ने 2 घंटे 42 मिनट तक भाषण दिया। ये भारतीय इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण था। तबीयत बिगड़ी तो आखिरी दो पन्ने पढ़े ही नहीं। पीठ से कह दिया कि इन दो पन्नों को पढ़ा हुआ मान लिया जाए।

सीतारमण ने अपना सबसे छोटा बजट भाषण दिया

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सीतारमण ने अपना सबसे छोटा बजट भाषण दिया । 1 घंटे 30 मिनट का। कोरोना के चलते प्रिंटिंग से पहले होने वाली हलवा सेरेमनी भी नहीं हुई। अधिकारियों को मिठाई बांटी गई। हालांकि 2023 के बजट में ये रस्म वापस आ गई। सीतारमण ने अधिकारियों को हलवा बांटा। ये लॉक इन प्रॉसेस की शुरुआत होती है। यानी ये अफसर बजट जारी होने तक बाहरी दुनिया से कट जाते हैं। ऐसा गोपनीयता के चलते किया जाता है।

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