Grenoble Authority: सुप्रीम कोर्ट का आदेश! कर्मचारियों की बड़ी जीत- गंगेश्वर दत्त शर्मा “सीटू,” नेता
Grenoble Authority
ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (ग्रेनो प्राधिकरण) को अपनी कानूनी लड़ाई में बड़ा झटका लगा है। पिछले 25 साल से नियमितीकरण की मांग कर रहे माली एवं सफाई कर्मियों को अब 46 करोड़ 36 लाख 80 हजार रुपये का भुगतान करना पड़ेगा।
इसके साथ ही कर्मचारियों की बहाली के आदेश भी दिए गए हैं। यह निर्णय उच्च न्यायालय द्वारा 16 अक्टूबर 2024 को दिए गए फैसले खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए प्राधिकरण के केस में 05 मई 2025 को आया है,
जिसमें प्राधिकरण की याचिकाएं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गईं। और हाई कोर्ट इलाहाबाद द्वारा दिए गए आदेश को बहाल कर दिया।
विवाद की शुरुआत 1998 से हुई थी, जब ग्रेनो प्राधिकरण में माली एवं सफाई का कार्य कर रहे कर्मचारियों ने नियमितीकरण के लिए मांग उठाई थी।

इसके बाद, वर्ष 2003 में प्राधिकरण द्वारा 240 कर्मचारियों को गैरकानूनी तरीके से नौकरी से हटा दिया गया, जिसका पुरजोर विरोध हुआ। कर्मचारियों ने “सीटू” (CITU) के नेतृत्व में अपनी आवाज उठाई और न्याय की लड़ाई में जुट गए।
विवाद का मामला औद्योगिक न्यायाधिकरण पंचम, उत्तर प्रदेश, मेरठ में उठा, जिसने मई 2018 में कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया। इस फैसले में प्राधिकरण को आदेश दिया गया था
कि वह कर्मचारियों को कार्य पर पुनः बहाल करे और पिछले वेतन का भुगतान भी करे। इसके बावजूद प्राधिकरण ने इस आदेश का पालन नहीं किया, जिससे मामले ने अदालत का रुख किया।
Grenoble Authority: हाई कोर्ट ने कर्मचारियों के पक्ष में आकर सभी याचिकाएं खारिज कर दीं और औद्योगिक न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए आदेश को बहाल कर दिया। न्यायालय ने जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर को निर्देश दिए कि वे 90 दिनों के भीतर प्राधिकरण से राशि वसूल कर कर्मचारियों को भुगतान कराएं और उन्हें वापस काम पर बहाल करें।

यूनियन का आभार
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ग्रेटर नोएडा माली एवं सफाई कामगार यूनियन ने अपनी जीत बताया यूनियन के महामंत्री रामकिशन सिंह और मंत्री टीकम सिंह ने संघर्ष की इस लंबी यात्रा का जिक्र किया और सीटू के पदाधिकारियों, सपा नेता राजकुमार भाटी,
इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता नरेश कुमार वर्मा और गोपाल नारायण और सुप्रीम कोर्ट में पेरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता ऋषि मल्होत्रा, प्रेम मल्होत्रा, अनसूया, सिवान मैनी का आभार व्यक्त किया, जिनकी मदद से यह न्याय संभव हो पाया।
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सीटू जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा कहा कि श्रम विभाग व जिला प्रशासन माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का पालन सुनिश्चित कराएं यदि ऐसा नहीं किया गया तो यूनियन फिर से आंदोलन करने को विवश होंगी।

उच्च न्यायालय का अंतिम निर्णय
साथी उन्होंने कहा यह मामला अन्य अस्थायी कर्मचारियों के लिए भी एक उदाहरण बन गया है, जो नियमितीकरण की लड़ाई लड़ रहे हैं। यूनियन ने अपने सदस्यों से एकजुटता बनाए रखने का आह्वान किया है और कहा है कि किसी भी अन्याय के खिलाफ उनकी यह लड़ाई जारी रहेगी।
रामकिशन सिंह
महामंत्री
ग्रेटर नोएडा माली एवं सफाई कामगार यूनियन संबंध सी. आई. टी. यू.
9313026301