प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हिंदी दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं।
प्रधान मंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया:
Hindi Diwas हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य है भाषा के बारे में जागरूकता को बढ़ाना देना और उस समय को याद करना जब हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक चुना गया था हिंदी को महात्मा गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था Hindi Diwas का आविष्कार 14 सितंबर 1953 को माना जाता है जब भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में याद करने का निर्णय लिया था

Hindi Diwas मनाने का मुख्य कारण
भारत में हिंदी दिवस मनाने का मुख्य कारण यह है कि संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी है संघ के राजकीय कार्य के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतरराष्ट्रीय रूप होगा 14 सितंबर को हिंदी के मुधेनय साहित्यकार व्यवहार राजेंद्र सिंह का 50 वां जन्मदिन था इसी कारण Hindi Diwas को मानने के लिए 14 सितम्बर का दिन ही श्रेष्ठ दिन माना गया
Hindi Diwas को विश्व में प्रचारित प्रसारित करने के लिए विश्व हिंदी सम्मेलन की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1974 को नागपुर में आयोजित हुआ तब तभी से इस दिन को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा विश्व हिंदी दिवस का सचिवालय मॉरीशस में स्थित है
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संविधान सभा
हिंदी को संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को राज्यसभा के रूप में अंगीकार किया इसलिए भारतवर्ष में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को Hindi Diwas के रूप में मनाया जाने लगा अनुच्छेद 351 और 343 में Hindi Diwas को परिभाषित किया गया और कहा गया कि संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी अर्थात 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा
हिंदी एक विश्व भाषा
जनतांत्रिक के आधार पर हिंदी एक विश्व भाषा है क्योंकि उसके बोलने समझने वालों की संख्या संसार में तीसरी है और विश्व के 132 देशों में बसे भारतीय के लगभग 2 करोड़ लोग हिंदी माध्यम से अपना कार्य करते हैं एशियाई संस्कृति में अपने विशिष्ट भूमिका के कारण हिंदी एशियाई भाषा से अधिक एशिया की प्रतिनिधि भाषा है
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पुरस्कार
हिंदी दिवस पर हिंदी के प्रति लोगों को उत्साहित करने के लिए पुरस्कार समारोह का भी आयोजन किया जाता है जिसमें हिंदी का उपयोग करने वाले को यह पुरस्कार दिया जाता है यह पहले राजनेताओं के नाम पर था जिसको बाद में बदलकर राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार और राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार कर दिया गया राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार लोगों को दिया जाता है एवं राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार किसी विभाग समिति आदि लोगों को दिया जाता है

राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार
राजभाषा गौरव पुरस्कार तकनीकी या विज्ञान के विषय पर लिखने वाले भारतीय नागरिक को दिया जाता है इस पुरस्कार में 10 हज़ार से लेकर₹ 2 लाख के 13 पुरस्कार होते हैं और प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले नागरिक को₹ 2 लाख दिया जाता है द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को डेढ़ लाख रुपये और तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को 75000 दिया जाता है इसके अलावा 10 लोगों को प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में 10 -10 हज़ार रुपए दिए जाते हैं पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी लोगों को स्मृति चिन्ह भी दिया जाता है इसका उद्देश्य तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में हिंदी भाषा को आगे बढ़ाना है
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राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार
राजभाषा कीर्ति पुरस्कार योजना के तहत कल 37 पुरस्कार दिए जाते हैं यह पुरस्कार किसी भी समिति विभाग मंडल आदि को उनके द्वारा किए जाने हिंदी कार्यों में श्रेष्ठ कार्यों के लिए दिया जाता है इसका उद्देश्य सरकारी कार्यों में हिंदी भाषा का प्रयोग करने एवं उसकी बढ़ने से है