आईसीएसएसआर में प्रवेश स्तर की नौकरी कार्यक्रम की योजना इस महत्वपूर्ण लक्ष्य के साथ बनाई गई है कि शिक्षा को अनुसंधान क्षमताओं के साथ समन्वित किया जाए ताकि युवा सामाजिक शोधकर्ताओं और मानवतावादियों को रोजगार के बदलते तत्वों के लिए तैयार किया जा सके और सामाजिक विकास के प्रति उनकी महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता सुनिश्चित की जा सके।
अस्थायी नौकरी कार्यक्रम की विशिष्टता पारंपरिक जानकारी और प्रक्रियाओं के साथ वर्तमान स्कूली शिक्षा और क्षमताओं का सामंजस्य है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस दृष्टिकोण से प्रेरणा लेते हुए कि अनुसंधान भारत के विकास का एक अभिन्न अंग है तथा “भारत में कौशल विकास और व्यवसाय मूलभूत आवश्यकताएँ हैं,” ICSSR ने इस मिशन पर काम करना शुरू किया है, ताकि युवाओं को सामाजिक और मानव विज्ञान में गुणवत्तापूर्ण अध्ययन करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान किया जा सके।
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यह अस्थायी कार्य शैक्षणिक जानकारी और रोजगार योग्यता के बीच किसी भी समस्या को दूर करने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य विचार, सूचना संग्रह, परीक्षण और त्रुटि, तथा रिपोर्ट प्रदर्शन सहित अनुसंधान कौशल विकसित करना है।
छात्र कॉलेजों, अनुसंधान थिंक टैंक, उद्योग और समुदाय के अनुभवी और प्रभावी मार्गदर्शकों के साथ काम करके अनुसंधान उपकरणों, रणनीतियों और वास्तविक अनुप्रयोगों में गहन अंतर्दृष्टि प्राप्त करेंगे।
कार्यक्रम बहु-विषयक होने का इरादा रखता है, जिसमें चयनित उम्मीदवार सामाजिक और मानव विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि अंतर्दृष्टि, जनसंख्या अध्ययन, सामाजिक विज्ञान, अनुप्रयुक्त मनोविज्ञान, सामान्य स्वास्थ्य और रणनीति, वैश्विक संबंध, विकास अध्ययन, भाषा अध्ययन, मानव विज्ञान आदि को संबोधित करेंगे।
अन्वेषण अस्थायी नौकरी कार्यक्रम के लिए विज्ञापन को 3600 से अधिक आवेदनों के साथ असाधारण रूप से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। एक विस्तृत चयन प्रक्रिया का पालन करने और समावेशिता सुनिश्चित करने के बाद, ICSSR ने देश के विभिन्न हिस्सों से 40 उम्मीदवारों को छात्रों के रूप में नियुक्त करने के लिए चुना है।
प्रवेश स्तर की नौकरी कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के 17 प्रबंधनीय विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर शोध के लिए अपेक्षित कौशल पर सार्वजनिक और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन शामिल होंगे। हाल ही में भारत द्वारा अत्यंत सफल जी-20 प्रशासन वक्तव्य में इसका उल्लेख किया गया है।