India Energy Week 2025 : भारत न केवल अपने विकास को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका के साथ विश्व के विकास को भी आगे बढ़ा रहा है।
PM श्री नरेन्द्र मोदी : विश्वव्यापी ऊर्जा चौराहा
India Energy Week 2025 (IEW) 2025, 11 से 14 फरवरी, 2025 तक यशोभूमि सम्मेलन हॉल, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जो ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रमुख वैश्विक आयोजन है। तेल और ज्वलनशील गैस सेवा के सहयोग से और भारतीय तेल उद्योग गठबंधन (FIPI) द्वारा समन्वित यह आयोजन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऊर्जा सम्मेलन बन गया है।
विकास और परिवर्तन का केंद्र
India Energy Week 2025 : भारत ऊर्जा सप्ताह कार्यक्रम ऊर्जा विशेषज्ञों के लिए दुनिया का नया सम्मेलन स्थल बन गया है, जिसमें बड़ी संख्या में डॉलर का कारोबार होता है, जो इसे वैश्विक व्यापार के केंद्र में रखता है।

वैश्विक और स्थानीय निर्माताओं के बीच संवाद का एक महत्वपूर्ण सूत्रधार, यह आयोजन वैश्विक प्रदर्शकों को संपूर्ण ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में 120 से अधिक देशों के प्रमुख खरीदारों से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।
प्रदर्शकों के पास अत्याधुनिक प्रगति को प्रदर्शित करने का अवसर होगा जो टिकाऊ ऊर्जा व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाते हैं, प्रमुख संगठनों का निर्माण करते हैं, और ऊर्जा के भविष्य को आकार देने के लिए अद्भुत अवसरों की खोज करते हैं।
IEW 2025 की उपलब्धियों को चिह्नित करना
IEW 2025 के प्रमुख केंद्र क्षेत्र
- ऊर्जा प्रगति और हरित भविष्य: जैव ईंधन, फ्लेक्स-फ्यूल वाहन, इथेनॉल मिश्रण और हरित हाइड्रोजन पर महत्वपूर्ण ध्यान केंद्रित किया गया। भारत 2030 तक हर साल 5 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने के अपने लक्ष्य की ओर लगातार आगे बढ़ रहा है।
- अन्वेषण और निर्माण (E&P) परिवर्तन: ओपन रियल एस्टेट ऑथराइज़िंग सिस्टम (OALP) राउंड X का शुभारंभ, 200,000 वर्ग किलोमीटर को कवर करता है, साथ ही तेल और गैस अनुसंधान में रुचि को बढ़ावा देने के लिए प्रशासनिक परिवर्तन भी किए गए हैं।
- भारत-अमेरिका ऊर्जा सहयोग: LNG आपूर्ति संगठनों को मजबूत करना और भारत के ऊर्जा मिश्रण में ज्वलनशील गैस के उपयोग को 6% से बढ़ाकर 15% करना।
- विश्वव्यापी ऊर्जा उद्यम: ब्राजील, वेनेजुएला, रूस और मोजाम्बिक में तेल और गैस संसाधनों में बढ़ती रुचि, जबकि उभरते तेल स्रोतों से लाभ कमाना।
- स्टार्टअप और विकास स्वीकृति: तेल और पेट्रोलियम गैस सेवा द्वारा संचालित अविन्या’25 – ऊर्जा स्टार्टअप चैलेंज ने CO2 कैच, ESG व्यवस्था और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा में छलांग लगाने के लिए रचनात्मक नए व्यवसायों को मंजूरी दी। वसुधा – तेल और गैस स्टार्टअप चैलेंज ने विदेशों में नए व्यवसायों को कंप्यूटर आधारित खुफिया संचालित व्यवस्थाओं के साथ अपस्ट्रीम तेल और गैस क्षेत्र में सुधार करते हुए देखा।
नौ सामयिक क्षेत्रों की खोज
- India Energy Week 2025 ने नौ सामयिक क्षेत्रों को प्रस्तुत किया, जिनमें से प्रत्येक ऊर्जा क्षेत्र के विभिन्न भागों पर ध्यान केंद्रित करता है:
- हाइड्रोजन क्षेत्र – ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा संचालित, हाइड्रोजन ईंधन युग में अत्याधुनिक विकास को प्रदर्शित करता है।

- जैव ईंधन क्षेत्र – बायोडीजल, बायोएथेनॉल, पैक्ड बायोगैस और व्यवहार्य उड़ान ईंधन में भारत की प्रगति को दर्शाता है।
- सतत ऊर्जा क्षेत्र – सौर, पवन और अन्य पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा नवाचारों में प्रगति को उजागर करता है।
- एलएनजी पर्यावरण – पेट्रोनेट एलएनजी द्वारा संचालित, भारत के डाउनस्ट्रीम एलएनजी स्टोर नेटवर्क और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करता है।
- मेक इन इंडिया क्षेत्र – आर्किटेक्ट्स इंडिया लिमिटेड द्वारा संचालित, देशी ऊर्जा निर्माण क्षमताओं को दर्शाता है।
- सिटी गैस डिस्पर्शन ज़ोन – गेल द्वारा संचालित, गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर भारत की त्वरित प्रगति पर जोर देता है।
- पेट्रोकेम ज़ोन – ओएनजीसी द्वारा संचालित, पेट्रोकेमिकल प्रगति और प्रबंधनीय व्यवस्थाओं में प्रगति को प्रदर्शित करता है।
- विकास क्षेत्र – ऊर्जा में उभरते नए व्यवसायों और उन्नति नवाचारों पर प्रकाश डालता है।
- डिजिटलीकरण क्षेत्र – ऊर्जा निर्माण और वितरण को बढ़ाने में कंप्यूटर आधारित बुद्धिमत्ता, IoT और मशीनीकरण को प्रदर्शित करता है।
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भारत: उभरती हुई ऊर्जा शक्ति जिसका ध्यान रखा जाना चाहिए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा खरीदार भारत सबसे उल्लेखनीय ऊर्जा मांग विकास के लिए तैयार है।
पीएम नरेंद्र मोदी की पहल के तहत, देश सुरक्षित, व्यावहारिक और उचित ऊर्जा में बड़ी रुचि के साथ एक हरित भविष्य की ओर बढ़ रहा है। India Energy Week 2025 ऊर्जा सुरक्षा, विकास और स्थिरता पर बातचीत को आगे बढ़ाते हुए, विश्वव्यापी समन्वित प्रयास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगा। भारत की स्थिरता का मार्ग

एक तेजी से आगे बढ़ती हुई वित्तीय शक्ति के रूप में, भारत को ऊर्जा हितों में वृद्धि करते हुए अपने कार्बन प्रभाव को कम करने की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
तदनुसार, माननीय शीर्ष राज्य नेता श्री नरेंद्र मोदी ने COP 26 में “पंचामृत” के विचार को प्रस्तुत किया, जिसमें पाँच मूलभूत घटकों के मिश्रण को संबोधित किया गया। “पंचामृत” पर्यावरण परिवर्तन की ओर भारत के दायित्व को उजागर करता है और विश्व स्तर पर व्यावहारिक विकास को बढ़ावा देता है।
पंचामृत: पर्यावरण परिवर्तन की दिशा में भारत का पाँच सूत्री संकल्प
- भारत 2030 तक अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक ले जाएगा
- 2030 तक, भारत अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन शक्ति को कम करेगा
- 45% से कम
- भारत 2030 तक अपनी आधी ऊर्जा आवश्यकताओं को संधारणीय ऊर्जा से पूरा करेगा
- 2070 तक, भारत नेट-जीरो का लक्ष्य प्राप्त करेगा
- भारत 2030 तक कुल अनुमानित जीवाश्म ईंधन उपोत्पादों को एक बिलियन टन तक कम करेगा
India Energy Week 2025 : अंत
India Energy Week 2025 वैश्विक ऊर्जा भागीदारों के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने, संगठनों को प्रोत्साहित करने और ऊर्जा परिवर्तन में भारत के प्रभुत्व को देखने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है।
जैसा कि श्री पंकज जैन, सचिव, तेल और गैस मंत्रालय ने बताया, India Energy Week 2025 हरित हाइड्रोजन, सौर ऊर्जा से चलने वाली प्रगति और अनुसंधान प्रगति में महत्वपूर्ण कार्यों के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में कार्य करेगा, जो स्थिरता और विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा।
क्रांतिकारी सहयोग और निवेश पर जोर देने के साथ, यह आयोजन वैश्विक ऊर्जा योजना को आकार देगा, जो भारत को ऊर्जा सुरक्षा, नवीन प्रगति और एक किफायती भविष्य की अग्रिम पंक्ति में रखेगा।