केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि Indian Seed Co-operative Society Ltd (BBSL) पारंपरिक बीजों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
Indian Seed Co-operative Society Ltd
श्री अमित शाह ने खरीफ-2025 से देश के विभिन्न भागों से कुछ पारंपरिक बीजों का जैविक तरीके से उत्पादन कर उन्हें व्यापक रूप से बाजार में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने देशभर में फलों, सब्जियों और खाद्यान्नों के सभी पारंपरिक बीजों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करने और उनके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए एक व्यापक कार्य योजना लागू करने पर जोर दिया।

आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने पारंपरिक एवं मीठे बीजों के संबंध में भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) पारंपरिक बीजों के संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार काम कर रही है।
मंत्री श्री अमित शाह ने निर्देश
बैठक के दौरान केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने निर्देश दिया कि खरीफ-2025 तक देश के विभिन्न हिस्सों से कुछ पारंपरिक बीजों का जैविक उत्पादन और उनकी व्यापक बाजार उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

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अमरेली बाजरा (गुजरात), उत्तराखंड गहत (हॉर्स ग्राम), उत्तराखंड मंडुआ (फिंगर मिलेट), काठिया गेहूं, मुनस्यारी राजमा, काला भट्ट, काला नमक धान की चार किस्में, जूही धान (बंगाल), और गोपाल भोग धान (बंगाल) इन बीजों में बहुसंख्यक हैं।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने देश भर के फलों, सब्जियों और खाद्यान्नों के सभी पारंपरिक बीजों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करने और उनके संरक्षण और संवर्धन के लिए एक व्यापक कार्य योजना को लागू करने पर जोर दिया
