28 फरवरी, 2025 तक, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 24,364 सुविधाओं को National Quality Assurance Standards प्रमाणन प्राप्त हुआ था।
वर्चुअल मूल्यांकन
आयुष्मान आरोग्य मंदिर-उप स्वास्थ्य केंद्रों के एनक्यूएएस प्रमाणन के लिए वर्चुअल मूल्यांकन 28 जून 2024 को शुरू किया गया, जिससे अनुपालन में सुविधा हुई और स्वास्थ्य सेवा वितरण की दक्षता में वृद्धि हुई।
एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं (आईपीएचएल) के लिए एनक्यूएएस भी 28 जून 2024 को शुरू किया गया, ताकि परीक्षण प्रक्रियाओं और परिणामों की सटीकता और परिशुद्धता बढ़ाई जा सके।

आईपीएचएल के लिए एनक्यूएएस का समर्थन करने और इसके प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए अगस्त 2024 में राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी) कार्यक्रम आयोजित किया गया।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर-उप स्वास्थ्य केंद्रों
भारत सरकार ने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस) को सफलतापूर्वक लागू किया है, जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) द्वारा स्थापित एक व्यापक ढांचा है,
जिसका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना और उसे बढ़ाना है। 28 फरवरी 2025 तक, 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में NQAS प्रमाणन प्राप्त करने वाली कुल सुविधाओं की संख्या 24,364 है।
शुरू में, मानकों को जिला अस्पतालों के लिए लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाएँ सुरक्षित, रोगी-केंद्रित और सुनिश्चित गुणवत्ता वाली हों।

इसके बाद, इन मानकों को उप-जिला अस्पतालों (एसडीएच), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी), आयुष्मान आरोग्य मंदिर-शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एएएम-यूपीएचसी), आयुष्मान आरोग्य मंदिर-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एएएम-पीएचसी) और आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप-केंद्रों (एएएम-एसएचसी) तक बढ़ा दिया गया।
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निरंतर गुणवत्ता सुधार और अनुपालन में आसानी की संस्कृति को और बढ़ावा देने के लिए, डिजिटल तकनीक का लाभ उठाया गया और 28 जून, 2024 को ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर-उप स्वास्थ्य केंद्रों (एएएम-एसएचसी) के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस) प्रमाणन के लिए वर्चुअल मूल्यांकन’ शुरू किया गया।
National Quality Assurance Standards
वर्चुअली मूल्यांकित एएएम-उप केंद्रों में से 10% का ऑनसाइट मूल्यांकन के माध्यम से भौतिक रूप से सत्यापन किया जाएगा। इससे अनुपालन में सुविधा हुई है और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्वास्थ्य सेवा वितरण की दक्षता में वृद्धि हुई है।
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28 जून, 2024 को परीक्षण प्रक्रियाओं और परिणामों की सटीकता और परिशुद्धता बढ़ाने के लिए एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं (आईपीएचएल) के लिए National Quality Assurance Standards (3) (एनक्यूएएस) शुरू किए गए इन उपायों का उद्देश्य प्रयोगशाला परीक्षण की सटीकता, विश्वसनीयता और दक्षता में सुधार करना है,

साथ ही सभी आईपीएचएल में लगातार गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करना है। एनक्यूएएस एक व्यापक ढांचा प्रदान करता है जिसका उद्देश्य सेवा प्रावधान, रोगी अधिकार, इनपुट, सहायता सेवाएं, नैदानिक देखभाल, संक्रमण नियंत्रण, गुणवत्ता प्रबंधन जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में देखभाल की गुणवत्ता को बढ़ाना है।
इससे रोगियों के बेहतर परिणाम सामने आते हैं और स्वास्थ्य सेवाओं में लोगों का भरोसा बढ़ता है। यह बात आज केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव द्वारा लोकसभा में दिए गए एक लिखित जवाब में कही गई।