NFCSF’s Sugar Industry Symposium:मोदी सरकार ने सहकारिता के माध्यम से आर्थिक विकास के साथ-साथ देश को मजबूत बनाने को बढ़ावा दिया है। किसान की सफलता मोदी सरकार का लक्ष्य है।
NFCSF’s Sugar Industry Symposium
NFCSF’s Sugar Industry Symposium:हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि चीनी उत्पादन का हर लाभ किसान की वित्तीय स्थिति तक पहुंचे। दो साल में देश के सभी चीनी मिलों में इथेनॉल का उत्पादन होना चाहिए। चीनी उद्योग से इथेनॉल उत्पादन 2013-14 में 38 करोड़ लीटर था, जो आज बढ़कर 370 करोड़ लीटर हो गया है।
पिछले 10 सालों में मोदी जी की पहल पर देश ने चीनी उत्पादन समेत हर क्षेत्र में काफी प्रगति की है। इथेनॉल मिश्रण पर मोदी सरकार के नीतिगत फैसले ने पेट्रोलियम के आयात बिल को कम किया, जलवायु पर काम किया, किसानों की मदद की और लाभ में वृद्धि की। चीनी मिलों मोदी जी ने 2030 तक 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा था, हम 2025-26 तक इस लक्ष्य को पूरा कर लेंगे
चीनी उद्योग सम्मेलन
एसोसिएशन होम अनंत सहयोग के पुजारी श्री अमित शाह आज नई दिल्ली में चीनी उद्योग सम्मेलन और NMCSF की सार्वजनिक उत्पादकता अनुदान 2022-23 क्षमता में केंद्रीय अतिथि के रूप में गए। इस अवसर पर श्री अमित शाह ने सहकारी समितियों के आठ क्षेत्रों में चीनी मिलों को सार्वजनिक उत्पादकता अनुदान की शुरुआत की
NFCSF’s Sugar Industry Symposium:अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि हमारा देश सहकारी विकास का साक्षी रहा है और लंबे समय से सहकारी विकास हमारी जीवनशैली का अहम हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक समेत कुछ राज्यों ने अहम भूमिका निभाई है।
श्री नरेन्द्र मोदी ने एक फैसला लिया
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद सहकारी विकास में जरूरी बदलाव नहीं हुए और इस वजह से यह कुछ राज्यों तक ही सीमित रह गया। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक यादगार फैसला लिया और सहकारी संघ की नई सरकार बनाई, जिसके बाद सहकारी क्षेत्र में काफी काम हुआ है।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में देश ने हर क्षेत्र में प्रगति की है। उन्होंने कहा कि हम मात्र 10 वर्षों में गन्ना उत्पादन के रकबे को वर्ष 2013-14 के 5 मिलियन हेक्टेयर से लगभग 18% बढ़ाकर 6 मिलियन हेक्टेयर करने में सफल रहे हैं।
गन्ना उत्पादन वर्ष 2013-14 के 352 मिलियन टन से 40% बढ़कर आज 491 मिलियन टन हो गया है। साथ ही उपज में 19% और चीनी उत्पादन में 58% की वृद्धि हुई है। वर्ष 2013-14 में इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी का पुनर्निर्देशन नहीं किए जाने की तुलना में आज 4.5 मिलियन टन चीनी का पुनर्निर्देशन इथेनॉल उत्पादन के लिए किया जा रहा है।
क्षेत्रों को बहुस्तरीय लाभ
चीनी उद्योग पहले 38 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन करता था और इसका सीमित उपयोग होता था, जो आज बढ़कर 370 करोड़ लीटर हो गया है। श्री शाह ने कहा कि इसका सीधा लाभ किसानों की जेब में गया है।
श्री अमित शाह ने कहा कि इथेनॉल मिश्रण पर मोदी सरकार के नीतिगत फैसले से पेट्रोलियम के आयात बिल में कमी आई है, पर्यावरण पर असर पड़ा है, किसानों को मदद मिली है और चीनी मिलों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 20% मिश्रण की अनुमति देने के महत्वपूर्ण विकल्प के साथ चार क्षेत्रों को बहुस्तरीय लाभ की गारंटी दी है।
जैव ईंधन उद्योग इथेनॉल मिश्रण
उन्होंने कहा कि इसकी लगातार जांच स्वयं राज्य के शीर्ष नेता द्वारा, धर्मगुरुओं की सभा के माध्यम से की जाती है जो हर घंटे समीक्षा करती है और निर्णय लेती है और इसी के तहत हम समय से पहले इथेनॉल मिश्रण में लक्ष्य हासिल करने में सफल हुए हैं।
संघ सहयोग मंत्री ने कहा कि जब जैव ईंधन उद्योग इथेनॉल मिश्रण के लाभों से आम लोगों को परिचित कराएगा, तो इसका सबसे बड़ा लाभ हमारे गन्ना किसान और चीनी मिलों को होगा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सहकारिता के माध्यम से आर्थिक सुधार के साथ-साथ प्रांतीय सुदृढ़ीकरण को भी बढ़ावा दिया है। हमने ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण सुधार और चीनी मिलों के सतत विकास को भी हासिल करने का प्रयास किया है।
श्री शाह ने कहा कि मोदी जी ने 2030 तक 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है, लेकिन हम इस लक्ष्य को 2025-26 तक ही पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा कि बिकने वाले लगभग 5,000 करोड़ लीटर पेट्रोलियम में से इथेनॉल की आवश्यकता 1,000 करोड़ लीटर होगी। श्री अमित शाह ने कहा कि हमें चीनी मिलों को किफायती बनाने का प्रयास करना चाहिए।
चीनी संयंत्रों का योगदान
उन्होंने कहा कि सरकार जटिल जैव ईंधन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि नेफेड सभी किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 100% मक्का और धान खरीदेगा। उन्होंने कहा कि किसानों की सफलता हमारा लक्ष्य है।
NFCSF’s Sugar Industry Symposium:श्री शाह ने कहा कि मक्का और बांस से उत्पादित इथेनॉल के लिए सरकार ने सबसे अधिक 71.86 रुपये प्रति लीटर की दर रखी है। एसोसिएशन होम अंतहीन भागीदारी के पादरी ने कहा कि एक 2022-23 में इथेनॉल आपूर्ति में स्वीकार्य चीनी संयंत्रों का योगदान लगभग 8% है, जिसे हमें बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना है।
उन्होंने कहा कि NFCSF चीनी मिलों और सरकार, नवाचार, विकास और आर्थिक स्थितियों के बीच एक कड़ी के रूप में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह 259 चीनी मिलों का संगठन है और नौ राज्य संघ इससे जुड़े हुए हैं और इसका विस्तार हो सकता है।
श्री शाह ने कहा कि 10 वर्षीय गाइडलाइन के तहत देश भर में गन्ना रोपण के क्षेत्र की योजना बनाकर स्वीकार्य चीनी संयंत्रों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि लक्ष्य यह होना चाहिए कि चीनी उत्पादन का सारा लाभ किसानों की जेब तक पहुंचे। श्री अमित शाह ने कहा कि भागीदारी सेवा के निर्माण के बाद सरकार ने भी चीनी मिलों के लिए बहुत कुछ किया है।
एक अत्याधुनिक रणनीति
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी मिलों को लगभग 20 वर्षों से आने वाले 15,000 करोड़ रुपये के कर दायित्व से राहत दी है। इसके साथ ही सहकारी चीनी मिलों को भी निवेश के साथ ‘स्तर पर’ लाया गया है तथा लोक सहकारी सुधार भागीदारी (NCDC) की ऋण योजना में 1,000 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी गई है,
जिससे अगले 3 वर्षों में 10,000 करोड़ रुपये तक के ऋण देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने सहकारी चीनी मिलों के लिए विस्तार की संभावनाओं को बढ़ाया है।
श्री शाह ने कहा कि शीरे पर जीएसटी को 28% से घटाकर 5% करने का काम मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि एक अत्याधुनिक रणनीति के तहत नेफेड, कृभको, इफको आदि ने लक्ष्य रखा है कि ये संस्थाएं भी अगले 2 वर्षों में अपने कारोबार को 25% तक बढ़ाएंगी।