President of India in Odisha : भारतीय विश्वबासु शबर समाज के स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए
President of India in Odisha
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू आज दोपहर (24 मार्च, 2025) रायपुर, छत्तीसगढ़ से रवाना होकर भुवनेश्वर, ओडिशा पहुंचीं।
भुवनेश्वर से राष्ट्रपति भगवान नीलमाधव मंदिर में दर्शन और पूजा करने के लिए नयागढ़ गईं। बाद में, उन्होंने कलियापल्ली में भारतीय विश्वबासु शबर समाज के स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुईं।
कलियापल्ली में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस क्षेत्र के शानदार दृश्य बहुत आकर्षक हैं। इसमें बहुत सारे पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास से तीर्थयात्री और पर्यटक आकर्षित होंगे। इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सभी से इस स्थान के विकास में योगदान देने का आग्रह किया।
आदिवासी जीवन का भी अभिन्न अंग
उन्होंने कहा कि कृषि, हस्तशिल्प, पर्यटन आदि विभिन्न क्षेत्रों में नयागढ़ की संभावनाओं को आकार देने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रकृति के अनुकूल जीवन शैली भारतीय संस्कृति की विशेषता है। यह आदिवासी जीवन का भी अभिन्न अंग है।
आदिवासी भाई-बहन जंगल, पेड़ आदि को देवता के रूप में पूजते हैं। आदिवासी मान्यताओं के अनुसार उनके पूर्वजों की आत्माएं जंगल में निवास करती हैं। यह मान्यता वन संरक्षण का महामंत्र है।

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राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार आदिवासी भाई-बहनों के सशक्तीकरण और स्वावलंबन के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रही है, साथ ही उनकी कला और संस्कृति को संरक्षित और बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने उनसे कल्याणकारी कार्यक्रमों के बारे में जागरूक होने और उनका लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाएं लोगों के सहयोग और भागीदारी से ही सफल होंगी।
