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कर्तव्यनिष्ठा के यश्यश्वी भाल पर करोड़ों की सम्पत्ति के स्वामी बने लोक सेवक ?

 करोड़ों की नामी व बेनामी सम्पत्ति बनायी

गौतमबुद्धनगर स्थित दादरी तहसील में नियुक्त राजस्व कर्मचारियों ने कर्तव्यनिष्ठा के यश्यश्वी भाल पर, बेईमानी की महाज्वॉल पर न केवल करोड़ों की नामी व बेनामी सम्पत्ति बनायी बल्कि, अपने अधीनस्थ का सहयोग एवं शीर्षस्थ अधिकारियों की छत्रछाया में भू-माफियाओं के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धा एव सत्यनिष्ठा की प्रचण्ड ज्वाल में न्यायशास्त्र को जलाकर, ऐसा अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है, जिसकी व्याख्या कदाचित शब्दों में तो नहीं जा सकती है।

राजस्व निरीक्षक नरेश कुमार शर्मा की लगभग 70 करोड़ रुपये की सम्पत्ति

राजस्व निरीक्षक नरेश कुमार शर्मा ने माफ़िया प्रेम के चलते समूची मानवता एव देश के कानून व प्रदेश सरकार के मस्तक पर बेईमानी का खंजर घोंप कर कभी न भरने वाला ठीक वैसा ही जख्म दिया है जैसा कि- द्वापर में द्रोण पुत्र अश्वत्थामा के मस्तक पर कुन्ती पुत्र ने मणि निकालते समय दिया था।विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात है कि, हाल ही में लेखपाल से राजस्व निरीक्षक के पद पर पदोन्नत हुये, नरेश कुमार शर्मा का वेतन लगभग 55 से 65 हजार रूपये के लगभग ही होगा जबकि, राजस्व निरीक्षक शर्मा लगभग 65 से 70 करोड़ रुपये की सम्पत्ति के स्वामी है।

 करोड़ों
 करोड़ों की नामी व बेनामी सम्पत्ति बनायी

राजस्व निरीक्षक शर्मा की सेक्टर-71 के, बी ब्लॉक में दो पी जी जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 15 से 20 करोड़ रुपये, ग्रेटर नोएडा के सेक्टर अल्फा में 3 गेस्ट हाउस जिनकी अनुमानित कीमत 20 करोड़ एव ग्रेटर नोएडा के अल्फा सेक्टर में ही 4 मंज़िला दो कोठियाँ जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 20 करोड़ों रुपये, तथा और भी कुछ नामी एव कुछ बेनामी सम्पत्ति के- बड़ी ही ईमानदारी से स्वामी हैं।सूत्रों की माने तो, राजस्व निरीक्षक नरेश कुमार शर्मा सचमुच बेहद ईमानदार एव अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान हैं ।

 करोड़ों
 करोड़ों की नामी व बेनामी सम्पत्ति बनायी

 

नरेश कुमार शर्मा की कर्तव्यनिष्ठा एव सत्यनिष्ठा भूमाफियाओं के प्रति

किन्तु, शर्मा की कर्तव्यनिष्ठा एव सत्यनिष्ठा राज्य सरकार एव आम जनता के प्रति नहीं बल्कि, भूमाफियाओं के प्रति देखने को मिलती है जैसे- धृतराष्ट्र के भरे दरबार में, कोई दुःशासन पांचाली का दामन नोंचकर नंगा करता रहा, सभा मे उपस्थित भद्र पुरुष चीखते रहे, महाराज- हस्तनापुर की मर्यादा लुट गयी किन्तु, धृतराष्ट्र- क्या हुआ जो हस्तनापुर कि मर्यादा लुट गयी? हस्तनापुर की मर्यादा लुटती है तो लुट जाये किन्तु, हस्तनापुर बचना चाहिये, ठीक वैसे ही, कानून की देवी नंगी होती है तो हो जाये किन्तु, माफिया प्रेम एव माफियाओं पर आँच नहीं आना चाहिये।

भूमाफिया,राजस्व निरीक्षक को इच्छित वरदान देने वाली कामधेनु

आखिर जिन्हें समाज व सरकार माफिया मानती है, वे राजस्व निरीक्षक को इच्छित वरदान देने वाली कामधेनु हैं, इन माफियाओं की बलि कानून के कसाई खाने दी जाये इससे तो अच्छा है, क्यों न न्यायशास्त्र को ही जला दिया जाये?बहराल, सूत्रों की माने तो राजस्व निरीक्षक नरेश कुमार शर्मा करोड़ो की संपत्ति के स्वामी हैं जो, इन्होंने अपने अधीनस्थ लेखपालों के सहयोग एवं शीर्षस्थ अधिकारियों की विशेष अनुकम्पा तथा भू-माफियों की दयादृष्टि के बल पर बड़ी ईमानदारी से कमाई है, ऐसे ईमानदार लोक सेवकों की वजह से ही राज्य का उद्धार सम्भव है ।

 

नामी व बेनामी करोड़ोंकी सम्पत्ति की जाँच  ई0डी0, सीबीआई, एसीबी तथा आर्थिक अपराध शाखा होनी चाहिये

बहराल, सरकार चाहे तो, ऐसे ईमानदार राजस्व निरीक्षक की सम्पूर्ण नामी व बेनामी सम्पत्ति की जाँच बड़ी ईमानदारी से ई0डी0, सीबीआई, एसीबी तथा आर्थिक अपराध शाखा या फिर उच्च स्तरीय जाँच करवा सकती है या फिर, चाहे तो सफाई से भ्र्ष्टाचार करने की कला में पारंगत मानते हुये राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित कर सकती है। निर्णय सरकार के विवेक पर निर्भर है।

डा0 वी0के0सिंह।
(वरिष्ठ पत्रकार)

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