Shri Amit Shah :एक विकसित भारत 2047 तक मजबूत शैक्षिक संस्थानों के बिना नहीं बनाया जा सकता राज्य के नेता श्री नरेंद्र मोदी जी ने आने वाले 25 वर्षों की सभी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति को प्राप्त करने के लिए दूरदर्शिता के साथ काम किया नई शिक्षा नीति में डिग्री देने के बजाय युवाओं के 360 डिग्री विकास पर जोर दिया गया है
नई शिक्षा नीति
नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को ‘शैक्षणिक पाठ्यक्रम’ के साथ-साथ ‘जीवन की रूपरेखा’ भी सिखाई जाएगी नई शिक्षा नीति के माध्यम से छात्रों में ‘पारंपरिक सोच’ के बजाय ‘बॉक्स के बारे में सोचने’ की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है वर्तमान युग इंटरनेट, कृत्रिम बुद्धि और सूचना विज्ञान का युग है, इसलिए नई शिक्षा नीति में व्यावहारिक, क्षमता विकास, व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं
जीवन में आगे बढ़ने के लिए कुछ लक्ष्य बनाना जरूरी है, यादें व्यस्त जीवन को खत्म कर देती हैं, शाह ने युवाओं से अपने लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए प्रयास करने की अपील की मध्य प्रदेश ने आगे बढ़कर इंजीनियरिंग और चिकित्सा विज्ञान की शिक्षा को मातृभाषा में अनुवाद किया प्रधानमंत्री शिक्षा विद्यालयों में छात्रों को जैव प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, संस्कृति, अभिव्यक्ति आदि
उद्घाटन समारोह में Shri Amit Shah
जैसे विभिन्न विषयों में अपनी रुचि के अनुसार अध्ययन करने का मूल्यवान अवसर मिलेगा संघ गृह अनंत सहभागिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज मध्य प्रदेश के इंदौर से राज्य के सभी 55 जिलों में प्रधानमंत्री शिक्षा विद्यालयों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और संघ प्रमुख श्रीमती सावित्री ठाकुर सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए संघ गृह मंत्री Shri Amit Shah ने कहा कि प्रदेश के नेता श्री नरेन्द्र मोदी ने ऐसा भारत बनाने का लक्ष्य रखा है कि जब 2047 में हमारी आजादी के 100 वर्ष पूरे होंगे तो भारत दुनिया में हर क्षेत्र में शीर्ष पर हो। उन्होंने यही कहा कि यदि ऐसा भारत बनाना है तो शिक्षा की नींव को मजबूत किए बिना यह संभव नहीं है, इसलिए उनकी भविष्यवाणी के अनुसार मोदी जी ने वर्ष 2020 में नई शिक्षा नीति प्रस्तुत की।
श्री शाह ने कहा कि नई शिक्षा नीति अगले 25 वर्षों की हमारी आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर लाई गई है। नई शिक्षा नीति हमारे विद्यार्थियों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए सशक्त वातावरण प्रदान करेगी, साथ ही साथ वे अपनी प्राचीन संस्कृति और भाषाओं से भी जुड़े रहेंगे। संघ गृह मंत्री श्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश सरकार को बधाई देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश को नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य बनने का गौरव प्राप्त हुआ है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास विद्यालय
उन्होंने कहा कि पहले भी मध्य प्रदेश पूरे देश में पहला राज्य रहा है जिसने विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शिक्षा को मातृभाषा में पढ़ाने का काम किया है। इससे कई गरीब युवाओं को अपनी मातृभाषा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिली है। श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास विद्यालय की शुरुआत सिर्फ इन विश्वविद्यालयों का नाम बदलने से नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को प्रधानमंत्री कौशल विकास विद्यालय की मान्यता प्राप्त करने के योग्य बनाने के लिए निर्धारित सीमाओं और मानकों के अनुरूप सुधारने के लिए 486 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इन विश्वविद्यालयों में कोई कंपार्टमेंटल शिक्षा नहीं होगी। अगर बी.ए. किया है और विज्ञान विषय में भी रुचि है तो वह उसी विषय में डिग्री प्राप्त कर सकता है।
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गृह मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई वाणिज्य का छात्र कला या भाषा में रुचि रखता है तो वह उसी विषय पर डिग्री प्राप्त कर सकता है। अगर कोई व्यवसाय का छात्र है और उसे विज्ञान में रुचि है तो वह अपनी रुचि के अनुसार डिग्री प्राप्त कर सकता है। सहभागिता के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मध्य प्रदेश ने आज नई शिक्षा नीति को साकार करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थी के भीतर छिपे सभी गुणों को बाहर निकालना, उन्हें विकसित होने का मंच और अवसर प्रदान करना है। Shri Amit Shah ने कहा कि उस मानसिकता में अंक और समय को बनाए रखकर अंक प्राप्त करना आसान है, लेकिन आंतरिक गुणों और क्षमताओं को लाभकारी रूप से विकसित करना वास्तव में चुनौतीपूर्ण है।
55 प्रधानमंत्री महानुभाव विश्वविद्यालयों की शुरुआत
Shri Amit Shah ने कहा कि आज जिन 55 प्रधानमंत्री महानुभाव विश्वविद्यालयों की शुरुआत की गई है, वे विद्यार्थियों को जैव प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, संस्कृति, अभिव्यक्ति आदि कई विषयों में अपनी रुचि के अनुसार ध्यान केंद्रित करने का अवसर प्रदान करेंगे। बी.एड और बी.एससी एग्रीबिजनेस जैसे पाठ्यक्रम भी शुरू किए गए हैं। बीएससी हॉर्टिकल्चर जैसा कोर्स युवाओं को खेती से जोड़ेगा और स्वतंत्र काम के कई नए अवसर प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि IIT दिल्ली और कई अन्य प्रतिष्ठित संगठनों के साथ बहुत सारे मान्यता पाठ्यक्रमों और वसीयतनामा पाठ्यक्रमों को जोड़ने का काम किया गया है। सभी 55 विश्वविद्यालयों में मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ प्रतिष्ठान का पुस्तक स्थान भी शुरू किया गया है। Shri Amit Shah ने कहा कि आज शुरू किए गए 55 प्रधानमंत्री महान विश्वविद्यालयों में छात्रों को जैव प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, संस्कृति, अभिव्यक्ति आदि कई विषयों में उनकी रुचि के अनुसार ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा।
बी.एड और बी.एससी हॉर्टिकल्चर जैसे पाठ्यक्रम भी पेश किए गए हैं। बीएससी फार्मिंग जैसा कोर्स युवाओं को बागवानी से जोड़ेगा और स्वतंत्र काम के कई नए अवसर प्रदान करेगा। मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ संस्थान की पुस्तकों का स्थान भी सभी 55 विश्वविद्यालयों में प्रारंभ हो गया है।
उच्च शिक्षा के लिए बहुत सारे अभियान चलाए
संघ के गृह मंत्री ने कहा कि इंदौर को अभी तक कपास और स्वच्छता का केंद्र माना जाता था, लेकिन अब यह शिक्षा का केंद्र बनने की ओर भी अग्रसर है। उन्होंने कहा कि इंदौर फार्मा, ऑटो, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है।
Shri Amit Shah ने कहा कि मध्य प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा के लिए बहुत सारे अभियान चलाए गए हैं। कई नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं, कई कॉलेज भी बनाए गए हैं। श्री शाह ने कहा कि देश के मुखिया श्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के भविष्य को आकार देने के लिए नई शिक्षा नीति बनाई है।
नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को ‘शिक्षा का मार्ग’ और ‘जीवन का मार्ग’ सिखाया जाएगा। नई शिक्षा नीति के माध्यम से मात्रा से गुणवत्ता की ओर ध्यान केंद्रित किया गया है और छात्रों में ‘सार्वभौमिक सोच’ के बजाय ‘आउट ऑफ द बॉक्स’ सोचने की प्रवृत्ति सिखाने के लिए नई शिक्षा नीति में बहुत सारे कदम उठाए गए हैं।
नई शिक्षा नीति युवाओं को पेशेवर और कौशल प्रशिक्षण देकर उद्योग और विद्वानों के बीच किसी भी मुद्दे को दूर करने की भी कोशिश करती है। एसोसिएशन होम एंडलेसली के पादरी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत हमारी स्कूली शिक्षा प्रणाली 21वीं सदी के वैश्विक सिद्धांतों के अनुरूप होगी। उन्होंने कहा कि नई स्कूल प्रणाली किताबों को याद रखने की तुलना में विचार पीढ़ी पर जोर देगी।
एसोसिएशन होम :वर्ष 2047 में भारत दुनिया में प्रथम स्थान पर
उन्होंने कहा कि छात्रों को केवल डिग्री देने के बजाय उनके 360 डिग्री विकास पर जोर दिया जाएगा। एसोसिएशन होम पादरी Shri Amit Shah ने युवाओं से खुद के लिए लक्ष्य निर्धारित करने से महत्व हासिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि समय एक यादृच्छिक जीवन को बर्बाद कर देता है और लक्ष्य को सामने रखने की उपेक्षा करना पूरी तरह से मूर्खता है।
उन्होंने छात्रों को बताया कि कड़ी मेहनत के अलावा कोई विकल्प नहीं है और अब समय आ गया है कि हमारे देश के युवा अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करें और उसे हासिल करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि भाग्य केवल उन लोगों पर मुस्कुराता है जो कड़ी मेहनत के साथ सफलता की नींव रखते हैं। श्री शाह ने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने जीवन के लक्ष्य निर्धारित करें और आज से ही पूरी मेहनत से जुट जाएं।
समाजसेवी ने कहा कि वर्तमान युग इंटरनेट, मानव चेतना और सूचना अन्वेषण का युग है और इसलिए नई शिक्षा नीति में प्रयोग, कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसी व्यवस्थाएं हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 में भारत दुनिया में प्रथम स्थान पर होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हमारे लिए स्वतंत्रता की शताब्दी का लक्ष्य रखा है।
श्री अमित शाह ने विद्यार्थियों को बताया कि यह लक्ष्य यहां उपस्थित युवा पीढ़ी के लिए है, जो युवा पीढ़ी आने वाले नागरिक होगी। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी वह दिन देखेगी जब भारत पूरे विश्व में प्रत्येक क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ होगा और हमारी नई शिक्षा नीति और वर्तमान प्रधानमंत्री शिक्षा योजना उस लक्ष्य की नींव रखती है।