श्री सतीश कुमार ने आज Railway Board (रेल लाइनों की सेवा) के निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रमुख) का कार्यभार संभाला।
Railway Board
ब्यूरो की व्यवस्था परिषद ने पहले ही श्री सतीश कुमार को Railway Board के कार्यकारी एवं प्रमुख के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी। भारतीय रेल लाइन प्रशासन यांत्रिक डिजाइनरों (IRSME) की 1986 की टीम के एक प्रतिष्ठित अधिकारी श्री सतीश कुमार ने अपने पूरे जीवनकाल में, 34 वर्षों से अधिक समय में भारतीय रेल लाइनों के लिए बड़ी प्रतिबद्धताएं निभाई हैं।
8 नवंबर 2022 को, उन्होंने उत्तर मध्य रेल, प्रयागराज के वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में कार्यभार संभाला, जो उनके सार्वजनिक सेवा के सफर में एक और उपलब्धि है।
उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि उनकी व्यावसायिक उपलब्धियों जितनी ही महान है; उन्होंने जयपुर के प्रतिष्ठित मालवीय पब्लिक इंस्टीट्यूशन ऑफ टेक्नोलॉजी (MNIT) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की है और इंदिरा गांधी पब्लिक ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) से इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा के साथ अपने अनुभव को और बेहतर बनाया है।
नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे
भारतीय रेल में श्री सतीश कुमार का करियर मार्च 1988 में शुरू हुआ और तब से उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों और डिवीजनों में विभिन्न प्रमुख पदों पर काम किया है, जिससे रेल लाइन ढांचे में विकास, दक्षता और स्वास्थ्य सुधार हुआ है। उनकी प्रारंभिक पोस्टिंग में हाल ही में सेंट्रल रेलवे के झांसी डिवीजन और वाराणसी में डीजल ट्रेन वर्क्स (DLW) शामिल थे, जहां उन्होंने ट्रेन डिजाइनिंग और रखरखाव में अपने कौशल को बढ़ाया।
बाद में उन्होंने नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे, गोरखपुर और पटियाला रेलवे वर्क्स में काम किया और इन डिवीजनों की कार्यात्मक दक्षता में सुधार करने वाले बुनियादी उपक्रमों में योगदान दिया। श्री कुमार के करियर का एक प्रमुख हिस्सा गुणवत्ता प्रबंधन (TQM) में योगदान देना है।
1996 में, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के तहत टीक्यूएम में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस प्रशिक्षण ने रेलवे प्रबंधन को संभालने के उनके तरीके को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें निरंतर सुधार और मूल्य की सर्वोत्तम अपेक्षाओं का पालन करना शामिल था।
सुरक्षित ट्रेन कार्यों की गारंटी
टीक्यूएम मानकों का उनका उपयोग उनके द्वारा किए गए विभिन्न कार्यों में स्पष्ट रहा है, जिससे रेल मार्ग कार्यों की सुरक्षा और स्थिर गुणवत्ता में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। श्री सतीश कुमार की एक महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता धुंध सुरक्षित गैजेट पर उनका काम है, एक ऐसा विकास जो धुंधली परिस्थितियों के दौरान सुरक्षित ट्रेन कार्यों की गारंटी देने में सहायक साबित हुआ है।
यह गैजेट भारतीय रेल मार्गों के लिए एक बुनियादी उपकरण बन गया है, जो ठंड के महीनों में, विशेष रूप से भारत के उत्तरी इलाकों में कम दृश्यता से जुड़े खतरों को मौलिक रूप से कम करता है। इस नवाचार को और विकसित करने के उनके प्रयासों ने उन्हें विभिन्न तिमाहियों से मान्यता और प्रशंसा दिलाई है।
Railway Board:अप्रैल 2017 से अप्रैल 2019 तक, श्री कुमार ने उत्तरी रेल मार्ग पर लखनऊ मंडल के मंडल रेल लाइन पर्यवेक्षक (DRM) के रूप में कार्य किया। DRM के रूप में उनके कार्यकाल में बुनियादी ढांचे में कई सुधार किए गए, जिससे क्षेत्र में रेल लाइन नेटवर्क को मजबूती मिली।
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कुंभ मेले का सफल आयोजन
उनकी सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक 2019 में कुंभ मेले का सफल आयोजन था, जो एक ऐसा बड़ा आयोजन था, जिसमें लाखों यात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए कड़ी तैयारी और समन्वय की आवश्यकता थी। उनके प्रशासन ने इस अवधि के दौरान रेल लाइन प्रशासन के सुचारू संचालन की गारंटी दी, जिससे उन्हें संगठन के सभी स्तरों पर सम्मान मिला।
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उत्तरी मध्य रेल लाइन के मुख्य पर्यवेक्षक के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले, श्री कुमार ने उत्तर पश्चिमी रेल मार्ग, जयपुर में वरिष्ठ नियुक्त वरिष्ठ पर्यवेक्षक और मुख्य देखभाल अधिकारी के रूप में कार्य किया। इस पद पर, वे सावधानी कार्यों की देखरेख, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और रेल गतिविधियों की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार थे।
भारत में रेल लाइन नेटवर्क
भारतीय रेल लाइनों के प्रति अपने अपार अनुभव और प्रतिबद्धताओं के कारण, श्री सतीश कुमार को हाल ही में पार्ट (फुटहोल्ड और मूविंग स्टॉक) (एमटीआरएस) के रूप में चुना गया, जो एक प्रमुख पद है जो भारतीय रेल लाइनों पर फुटिंग और मूविंग स्टॉक के बुनियादी हिस्सों को नियंत्रित करता है।
इसके बाद, वे रेल लाइन बोर्ड (CRB) के कार्यकारी के रूप में भारतीय रेलमार्ग के सर्वोच्च सोपान पर पहुंचे, जहां वे वर्तमान में भारत में रेल लाइन नेटवर्क के भाग्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उनकी दृष्टि, योग्यता और प्रशासन से यात्री सेवाओं, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण सुधार लाने की उम्मीद है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भारतीय रेल मार्ग देश को उत्पादक और सफलतापूर्वक सेवा प्रदान करता रहे।