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महफ़िल ए बारादरी में बही गीत, शेर दोहा की रसधार

एक ही कथा है किंतु अलग-अलग मानी, तेरे सुख की मेरे दुख की एक है कहानी : डॉ. प्रभा ठाकुर पढ़ते कैसे तुम मुझे कैसे मुश्किल थे हालात, तुमको आदत…