मैं नियति मरिय्या हूं। चौथे स्टेज के कैंसर से ठीक होकर लौटी हूं।
पहले एक बड़ी एयरलाइन कंपनी में काम करती थी; आजकल लोगों को मन के सहारे बीमारियों से लड़ना सिखा रही हूं।
मुझे लगा कि जब मैं कैंसर को मात दे सकती हूं तो बाकी क्यों नहीं? इसीलिए अब मैं एयर इंडिया की अपनी नौकरी छोड़ लोगों को जीना सिखाती हूं।
हिप्नोथेरेपी के सहारे 10 हजार से ज्यादा लोगों की जिंदगी संवार चुकी हूं।