कई बार बच्चे रोते हैं तो पैरेंट्स उन्हें मोबाइल या टैबलेट देकर शांत करा देते हैं। इससे बच्चे उस वक्त तो शांत हो जाते हैं, लेकिन भविष्य में इसके गंभीर परिणाम सामने आते हैं
दरअसल, 9 साल की उम्र पूरी होने के बाद इस तरह के बच्चे जब दूसरे बच्चों के संपर्क बनाते हैं, तो डिवाइस की लत के चलते उन्हें घुलने-मिलने में दिक्कत होती है।
उनकी एकाग्रता घटती है और कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है। स्क्रीन का बच्चों पर असर जानने के लिए हाल ही में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी सेंटर ऑफ डेवलपिंग चाइल्ड में हुए एक शोध हुआ।
इसमें सामने आया कि 9 साल की उम्र तक ज्यादा समय मोबाइल या टैबलेट के साथ बिताने वाले बच्चों की एकैडमिक परफॉर्मेंस घटती है। मानसिक स्वास्थ भी बिगड़ता है।