टाटा मोटर्स को लगा झटका
टाटा मोटर्स को बड़ा झटका लगा है। बंबई उच्च न्यायालय ने बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) अंडरटेकिंग की इलेक्ट्रिक बस टेंडर में Tata Moters को अयोग्य ठहराने के फैसले को सही ठहराया है। न्यायमूर्ति एस वी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति माधव जामदार की पीठ ने अयोग्यता को चुनौती देने वाली टाटा मोटर्स की याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि बेस्ट का Tata Moters को निविदा के अयोग्य ठहराने का फैसला सही था।
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टाटा मोटर्स ने भी लगाई थी बोली
मुंबई में बिजली आपूर्ति एवं बसों का परिचालन करने वाली कंपनी बेस्ट ने महानगर में 1,400 इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन के लिए निविदा जारी की थी। इसमें टाटा मोटर्स ने भी बोली लगाई थी लेकिन बेस्ट ने टेक्निकल असिस्टेंट के बाद उसे बोली के अयोग्य घोषित कर दिया। इस पर टाटा मोटर्स ने कहा था कि उसकी टेक्निकल बोली को मनमाने ढंग से खारिज कर दिया गया ताकि बोली जीतने वाली कंपनी को फायदा पहुंचाया जा सके।
बेस्ट प्रबंधन ने सुनवाई के दौरान इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि उसने ठेका आवंटित करने में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया था। उच्च न्यायालय ने बेस्ट के कदम को सही ठहराते हुए कहा, ”पिटिशनर को सही ही अयोग्य घोषित किया गया था। बेस्ट का निर्णय अंतिम एवं बाध्यकारी था।”
इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि अगर टेंडर अलॉट करते समय किसी तरह की अनियमितता हुई है, तो बेस्ट को नए सिरे से निविदा जारी करने के बारे में सोचना चाहिए।