दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने AAP से 97 करोड़ रुपए वसूलने के आदेश दिए हैं

लेफ्टिनेंट गवर्नर ने 15 दिन का समय दिया गया है

 लेफ्टिनेंट

 

दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG) वीके सक्सेना ने चीफ सेक्रेटरी को आम आदमी पार्टी (AAP) से 97 करोड़ रुपए वसूलने के आदेश दिए हैं। इसके लिए पार्टी को लेफ्टिनेंट ने 15 दिन का समय दिया गया है।CM अरविंद केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने पार्टी के प्रचार में सरकारी पैसे खर्च किए, जो कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।लेफ्टिनेंट गवर्नर का कहना है कि केजरीवाल ने राजनीतिक विज्ञापनों को सरकारी विज्ञापन के तौर पर पब्लिश करवाया है। अगस्त 2016 में हाईकोर्ट ने इस मामले में तीन सदस्यों की एक कमेटी गठित की थी।

मई-जून में परीक्षा नहीं दे पाए छात्रों के लिए फिर परीक्षा कराएगा डीयू

समिति ने 16 सितंबर 2016 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी

लेफ्टिनेंट

कमेटी को विज्ञापनों पर खर्च की गई राशि को लेकर जांच के आदेश दिए गए थे। समिति ने 16 सितंबर 2016 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें AAP को दोषी पाया गया था।रिपोर्ट में बताया गया था कि पार्टी ने सरकारी विज्ञापनों का इस्तेमाल खुद के लिए किया है। उन्होंने कई संचार माध्यमों से सरकारी पैसे पर विपक्ष पर निशाना साधा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सितंबर 2016 से अब तक दिल्ली सरकार के सभी विज्ञापनों की एक्सपर्ट कमेटी द्वारा जांच की जाएगी।जून 2022 में विपक्ष ने दावा किया कि AAP सरकार ने एक महीने में विज्ञापन पर 24 करोड़ रुपए खर्च कर दिए।

अप्रैल महीने में पब्लिसिटी पर 24 करोड़ खर्च कर दिए

लेफ्टिनेंट

इसके लिए RTI इन्फॉर्मेशन का हवाला दिया गया है। विपक्षी दलों ने तंज कसा कि राज्य का खजाना भरने के दावे करके सत्ता में आई AAP खुद ही इसे खाली करने में जुटी है।पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, कांग्रेस MLA सुखपाल खैहरा और भाजपा नेता मनजिंदर सिरसा ने इसको लेकर CM भगवंत मान पर सवाल खड़े किए हैं।कांग्रेस विधायक सुखपाल खैहरा ने जून में RTI इन्फॉर्मेशन की कॉपी ट्वीट की थी। उन्होंने कहा कि सिर्फ अप्रैल महीने में पब्लिसिटी पर 24 करोड़ खर्च कर दिए।

3 महीने में 9 हजार करोड़ का कर्जा लिया

लेफ्टिनेंट

अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान बताएं कि इस तरह से उन्होंने पंजाब का खजाना भरने का वादा किया था।खैहरा ने कहा कि वन MLA, वन पेंशन से सरकार एक साल में सिर्फ 8 करोड़ बचाएगी और यहां एक महीने में इतना खर्च कर दिया। खैहरा ने कहा कि केजरीवाल और भगवंत मान सेल्फ प्रमोशन के लिए लोगों के पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं।भाजपा नेता मनजिंदर सिरसा ने जून में कहा था कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले 3 महीने में 9 हजार करोड़ का कर्जा लिया। केवल अप्रैल महीने में सरकारी की पब्लिसिटी और विज्ञापनों पर 24.40 करोड़ खर्च कर दिए।

विज्ञापनों का खर्च आम आदमी पार्टी से वसूला जाए

लेफ्टिनेंट

पंजाब की किसी महिला को अभी तक 1 हजार रुपए महीना नहीं दिया। बिजली-पानी पर कोई सब्सिडी नहीं दी गई। सिरसा ने कहा कि CM भगवंत मान जवाब दें कि जब कोई काम नहीं किया तो प्रचार किस बात का? यह इंकलाब नहीं, केजरीवाल का दिल्ली मॉडल है।दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार और लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG) के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि केजरीवाल सरकार की तरफ से दिए गए राजनीतिक विज्ञापनों का खर्च आम आदमी पार्टी से वसूला जाए।

अप्रैल 2016 में एक 3 सदस्य कंटेंट रेगुलेशन कमेटी बनी

लेफ्टिनेंट

दरअसल, साल 2015 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनी। केजरीवाल ने अपनी सरकार के कामों का व्यापक प्रचार प्रसार शुरू किया। मई 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से दिए जाने वाले विज्ञापन को लेकर एक आदेश जारी किया।इस आदेश के आधार पर अप्रैल 2016 में एक 3 सदस्य कंटेंट रेगुलेशन कमेटी बनी।अगस्त 2016 में दिल्ली सरकार बनाम लेफ्टिनेंट गवर्नर (अधिकार मामला) में दिल्ली सरकार हाईकोर्ट में केस हार गई तो केजरीवाल सरकार के सभी फैसलों की जांच शुरू हुई।

 उपराज्यपाल सक्सेना आजकल सभी पुराने मामले उठा रहे हैं

लेफ्टिनेंट

केजरीवाल सरकार में जितने भी विज्ञापन दिए गए, उन सभी को उस कमेटी को रेफर कर दिया।उस तीन सदस्यीय समिति ने आरोप लगाया कि ₹97 करोड़ के जो विज्ञापन दिए गए थे, वे नियम के मुताबिक नहीं थे, इनको राजनीतिक विज्ञापन कहा गया इसलिए तभी से आम आदमी पार्टी से ₹97 करोड़ वसूल करने के आदेश दिए गए।नजीब जंग जब लेफ्टिनेंट गवर्नर हुआ करते थे यह मामला तब का है। मौजूदा लेफ्टिनेंट गवर्नर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना आजकल सभी पुराने मामले उठा रहे हैं, उसी में ये भी एक है।

आज की ताजा खबर, 19 दिसंबर, 2022 LIVE: दिल्ली दंगों से जुड़ी याचिकाओं पर आज सुनवाई, सीमा विवाद के बीच कर्नाटक विस का शीत सत्र