भारत में जून से एसी 3 से 4 प्रतिशत महंगा हो जाएगा। चीन में लॉकडाउन और रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को कच्चे माल की कमी का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय रुपये में गिरावट से भी मैन्यूफैक्चरर की परेशानी बढ़ी है।
कई इंपोर्टेड कलपूर्जे काफी महंगे हुए हैं। ऐसे में भारतीय एसी निर्माताओं ने कहा है कि उनके पास उपभोक्ताओं पर बोझ डालने के अलावा कोई चारा नहीं है। जॉनसन कंट्रोल्स-हिताची एयर कंडिशनिंग इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गुरमीत सिंह के मुताबिक कच्चे माल की कीमतें पहले से बढ़ रही हैं।
अब अमेरिकी डॉलर भी मजबूत हो रहा है और रुपया कमजोर हो रहा है। ऐसे में सभी निर्माता कंपनियों को कम बेनिफिट का अनुमान हो रहा है। शुक्रवार को एसी निर्माता कंपनियों ने कहा कि जून से एसी की कीमत तीन से चार फीसदी बढ़ायी जाएगी। यह अन्य उपकरणों के लिए भी होगा। ऐसे भी कोविड महामारी के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र पहले से ही हर तिमाही में कीमतों में 2-3 फीसदी वृद्धि कर रहा है।
इसी वर्ष के जनवरी में मूल्यों में बढ़ोतरी की गई थी। सुपर प्लास्ट्रोनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह के अनुसार चीन के शंघाई में कलपूर्जों से भरा पोत खड़ा है। लॉकडाउन के कारण उसे नहीं भेजा जा रहा है। जिस कारण यहां कलपूर्जों की सप्लाई बाधित होने के कारण जून से इसका असर दिखना शुरू हो जाएगा। अन्य उपकरणों पर इसका कम असर पड़ेगा, क्योंकि गर्मी ज्यादा होने के कारण एसी पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ेगा।