9.5% Growth in Industry:उत्पादन के कुल मूल्य का 47.5 प्रतिशत उपयोगी गतिविधियों में योगदान के रूप में उपयोग किया गया
9.5% Growth in Industry
वित्तीय एवं कॉर्पोरेट उपक्रमों की एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद में प्रस्तुत मौद्रिक समीक्षा 2023-24 की एक महत्वपूर्ण विशेषता 9.5 प्रतिशत की तीव्र आधुनिक विकास दर थी।
मौद्रिक अध्ययन के अनुसार, उत्पादन भारतीय आधुनिक क्षेत्र में सबसे आगे रहा और पिछले कुछ समय में औसत वार्षिक विकास दर 5.2 प्रतिशत रही। वित्त वर्ष 23 में क्षेत्र का सकल मूल्य वर्धित 14.3 प्रतिशत रहा और इसी अवधि के दौरान परिणाम प्रतिशत 35.2 प्रतिशत रहा, जो दर्शाता है कि क्षेत्र में रिवर्स और फॉरवर्ड लिंकेज में महत्वपूर्ण भूमिका है।
विनिर्माण के लिए एचएसबीसी इंडिया बायिंग चीफ्स का सूचकांक (PMI) भी वित्त वर्ष 24 की पूरी अवधि में लगातार 50 के सीमा मूल्य से ऊपर रहा, जो भारत के विनिर्माण क्षेत्र में समर्थित विकास और सुदृढ़ता का प्रमाण है।
47.5 प्रतिशत उपयोगी गतिविधियों
अध्ययन में पाया गया कि देश में कुल उत्पादन मूल्य का लगभग 47.5 प्रतिशत उपयोगी गतिविधियों (औद्योगिक उपयोग के बीच) में योगदान के रूप में उपयोग किया जाता है। विनिर्माण गतिविधियाँ व्यावसायिक उपयोग के बीच लगभग 50% का प्रतिनिधित्व करती हैं और साथ ही, प्रत्येक उपयोगी गतिविधि (कृषि व्यवसाय, उद्योग और प्रशासन) में उपयोग किए जाने वाले डेटा स्रोतों का लगभग 50% प्रदान करती हैं।
वास्तविक आधार, समन्वित संचालन और निरंतरता की बाधाओं ने पहले निर्माण और विस्तार की सीमा को कम किया। समीक्षा ने उम्मीद जताई कि इनमें से अधिकांश सीमाएँ अब हटा दी गई हैं। अध्ययन व्यक्त करता है कि वास्तविक आधार और नेटवर्क तेज़ गति से विकसित हो रहा है। यह आगे टिप्पणी करता है कि श्रम और उत्पाद व्यय ने कुछ वस्तुओं के लिए एक अलग बाज़ार बनाया है,
जिससे बड़े पैमाने पर विनिर्माण को सशक्त बनाया गया है। समीक्षा लंबी अवधि के उद्यम में निजी क्षेत्र की भूमिका के साथ-साथ मुक्ति के महत्व को रेखांकित करती है। गंभीरता का समर्थन करना और भारतीय विनिर्माण क्षेत्र का विकास करना अर्ध-प्रतिभाशाली कार्य के युग की कुंजी है, इस प्रकार सुधार को व्यक्तियों के करीब लाना है।