प्लास्टिक की बर्बादी को कम करने के लिए प्रतिबंध

प्लास्टिक की बर्बादी को कम करने के लिए केंद्र द्वारा चुनिंदा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध आज से लागू हो गया है।   सिंगल-यूज  आमतौर पर ऐसी वस्तुएं होती हैं जिन्हें केवल एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है और रीसाइक्लिंग प्रक्रिया के लिए नहीं जाता है। प्लास्टिक पर आज से बैन प्रदूषण में इनका बड़ा योगदान है।

प्लास्टिक

राज्य सरकारें एक अभियान शुरू कर ऐसी वस्तुओं के निर्माण, वितरण, भंडारण और बिक्री से जुड़ी इकाइयों प्लास्टिक को बंद कराने की पहल करेंगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि प्लास्टिक प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत जुर्माना, जेल की अवधि या दोनों शामिल हैं।

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अधिकारियों ने कहा  प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। प्रतिबंधित एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग की जांच के लिए विशेष प्रवर्तन दल गठित किए गए हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी प्रतिबंधित एसयूपी वस्तु की अंतरराज्यीय आवाजाही को रोकने के लिए सीमा चौकियां स्थापित करने का भी आदेश दिया गया है।

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   केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने लोगों की मदद लेने के लिए एक शिकायत निवारण ऐप भी शुरू किया है। अधिकारियों ने कहा कि एफएमसीजी क्षेत्र में पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व (ईपीआर) दिशानिर्देशों के अंतर्गत रखा जाएगा। पिछले साल 12 अगस्त को इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी।

 

प्लास्टिक

ये वस्तुएं शामिल

 एसयूपी वस्तुओं में ईयरबड, गुब्बारे के लिए की छड़ें, झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के पीवीसी बैनर और स्टिरर रैपिंग या पैकेजिंग शामिल हैं।

पीएम मोदी ने किया था आह्वान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 तक एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को चरणबद्ध करने के आह्वान के अनुरूप पर्यावरण मंत्रालय ने 12 अगस्त 2021 को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 को जारी किया था।

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दिल्ली पर्यावरण विभाग सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) के सभी 19 प्रतिबंधित आइटमों को पूरी तरह आउट करने के लिए एक कैंपेन की शुरुआत करने जा रहा है। यह कैंपेन एक जुलाई से शुरू हो जाएगा। इस कैंपेन में इन उत्पादों को बनाने वाले, सप्लायर, स्टॉक करने वाले, डीलर और इन्हें बेचने वालों पर नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

1 जुलाई से इन आइटम्स पर बैन

 1 जुलाई से सिंगल यूज के आइटम जैसे ईयरबड्स, गुब्बारे की प्लास्टिक डंडी, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की प्लास्टिक डंडी, आइसक्रीम की प्लास्टिक डंडी, थर्माकॉल के सजावटी सामान, प्लास्टिक की प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बे पैक करने वाली पन्नी, इनविटेशन कार्ड पर लगाई जाने वाली पन्नी, सिगरेट पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली पन्नी, 100 माइक्रोन से पतले पीवीसी व प्लास्टिक के बैनर आदि शामिल हैं।

स्टॉकिस्ट, सप्लायर और डिस्ट्रिब्यूशटरों को निर्देश

अधिकारियों के अनुसार पिछले काफी समय से इन उत्पादों के निर्माता, स्टॉकिस्ट, सप्लायर और डिस्ट्रिब्यूशन करने वालों को निर्देश दिए जा रहे हैं। जुलाई के पहले हफ्ते में जो नियम तोड़ेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो जाएगी। ऐसे उत्पादों का अवैध तरीके से निर्माण न हो पाए इसके लिए भी काम किया जाएगा। इतना ही नहीं डीपीसीसी ने श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल रिसर्च से एक सर्वे के लिए भी कहा है।
 इसमें ऐसे हॉटस्पॉट की पहचान की जा रही है जहां इस तरह के उत्पादों का इस्तेमाल अधिक होता है। इस सर्वे में संस्थान सभी बड़े कमर्शल स्पेस, मॉल, मार्केट, शॉपिंग सेंटर, सिनेमा, रेस्तरां, टूरिस्ट स्पॉट, धार्मिक स्थल, कॉलेज, स्कूल, ऑफिस कॉम्प्लेक्स, अस्पताल और अन्य संस्थानों की पड़ताल करेगा।

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