Farmers’ Parliament March Movement:गौतमबुद्धनगर, किसानों का नोएडा दिल्ली कूच टला। किसानों ने प्राधिकरणों को दिया एक हफ्ते का वक्त,मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे दोबारा दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
Farmers’ Parliament March Movement
Farmers’ Parliament March Movement :किसानो को दिल्ली जाने से रोकने के लिए प्रशासन ने पूरी ताकत लगा दी जगह-जगह लोगों को आंदोलन में शामिल होने से रोका गया।
किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे मजदूर संगठन सीटू के जिला अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा को थाना सेक्टर- 49, पुलिस द्वारा सुबह 7:00 बजे गिरफ्तार कर लिया गया।
साथ ही किसान नेता बी. सी. प्रधान, सुभाष चौधरी आदि नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया। लोगों को जानकारी होने पर बड़ी संख्या में लोग थाना पर पहुंच गए और पुलिस को मजबूर होकर गिरफ्तार नेताओं को छोड़ना पड़ा।
इसी तरह विभिन्न गांव में किसानों को आंदोलन में शामिल होने से रोका गया और जगह- जगह गिरफ्तार किये जाने के बाद भी बड़ी संख्या में किसान आंदोलन में शामिल हुए।
आंदोलन की जानकारी
आंदोलन की जानकारी देते हुए सीटू जिला अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच की योजना फिलहाल एक हफ्ते के लिए रोक दी है।
यह निर्णय आंदोलन स्थल पर सोमवार को ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ किसानों की लंबी बैठक के बाद लिया गया। किसानों ने कहा है कि वे दलित प्रेरणा स्थल पर एक हफ्ते तक इंतजार करेंगे।
अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे दोबारा दिल्ली की ओर कूच करेंगे।इससे पहले सोमवार दोपहर, किसानों ने नोएडा के महामाया फ्लाईओवर पर एकत्र होकर संसद का घेराव करने के लिए दिल्ली की ओर बढ़ना शुरू किया।
दलित प्रेरणा स्थल पर रोकने की कोशिश
पुलिस ने उन्हें दलित प्रेरणा स्थल पर रोकने की कोशिश की, लेकिन किसान बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए वज्र वाहन, RAF के जवान और ड्रोन से निगरानी तैनात की गई। इस दौरान नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर करीब 5 किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
किसानों के संसद मार्च में सीपीआई एम दिल्ली एनसीआर राज्य सचिव मंडल सदस्य सिद्धेश्वर शुक्ला, बृजेश कुमार सिंह, सीटू जिला सचिव रामस्वारथ, जनवादी महिला समिति की जिला नेता गुड़िया देवी,
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अखिल भारतीय किसान सभा के केंद्रीय कमेटी के नेता पुष्पेंद्र त्यागी, मनोज कुमार सहित विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं/ कार्यकर्ताओं ने आंदोलन में बढ़-चढ़कर कर हिस्सा लिया।
किसानों की मुख्य मांगें
- जमीन अधिग्रहण के बदले किसानों को 10% प्लॉट दिया जाए।
- 64.7% की दर से मुआवजा सुनिश्चित किया जाए।
- नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार, बाजार दर का चार गुना मुआवजा मिले।
- भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास के लाभ दिए जाएं।
बैठक के बाद बनी सहमति
किसानों और तीनों प्राधिकरणों के बीच कई घंटे तक बातचीत चली। अधिकारियों ने किसानों से एक हफ्ते का समय मांगा, जिसे किसानों ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद एक्सप्रेसवे से बैरिकेडिंग हटा दी गई और वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई।
फिलहाल, किसान राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में डेरा डाले हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे वहां से नहीं हटेंगे। गाजियाबाद, नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारी लगातार किसानों से बातचीत कर रहे हैं। किसानों को मुख्य सचिव से वार्ता और उनकी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
किसान नेता डॉ रुपेश वर्मा, सुखबीर खलीफा, बृजेश भाटी, सुनील फौजी आदि नेताओं ने स्पष्ट किया है कि अगर एक हफ्ते में उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे दोबारा दिल्ली की ओर कूच करेंगे।