ममता कैबिनेट का 14 महीने बाद पूर्व भाजपा सांसद बाबुल का विस्तार

ममता कैबिनेट का 14 महीने बाद पूर्व भाजपा सांसद बाबुल का विस्तार

ममता कैबिनेट का 14 महीने बाद पूर्व

14 महीने बाद बुधवार को ममता बनर्जी कैबिनेट का दूसरी बार विस्तार हुआ। राजभवन में राज्यपाल एल गणेशन ने 9 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। इनमें 7 कैबिनेट और 2 स्वतंत्र प्रभार मंत्री हैं।  विधानसभा चुनाव के बाद सितंबर 2021 में भाजपा छोड़ तृणमूल में आए पूर्व सांसद बाबुल सुप्रियो को भी मंंत्री बनाया है।

ममता परफॉर्मेंस के आधार पर 3-4 मंत्रियों को हटा भी सकती हैं। खबरें हैं कि इन सभी को संगठन के कामकाज में लगाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार जिन मंत्रियों को हटाने की चर्चा है उनमें सोमेन महापात्रा, परेश अधिकारी, चंद्रकांत सिंह और मलय घटक का नाम है।

मुख्यमंत्री बाद ही ने कहा था कि सुब्रत मुखर्जी, साधन पांडे के निधन और पार्थ के जेल जाने से सरकार का कामकाज प्रभावित हो रहा है। इसलिए कैबिनेट विस्तार किया जाएगा। ममता के इस बयान के कुछ देर बाद ही तृणमूल जिला संगठन में बड़ा बदलाव किया गया था।

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ममता बनर्जी कैबिनेट में टॉप-5 में से 4 मंत्री पिछले 14 महीने में हट चुके हैं। ऐसे में सरकार का कामकाज सीधे तौर पर प्रभावित हो रहा है।बंगाल में 2023 में पंचायत चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव होना है। ऐसे में ममता बनर्जी अभी से संगठन और सरकार को मजबूत करने में जुट गई हैं।

ममता कैबिनेट का 14 महीने बाद पूर्व

सुब्रत मुखर्जी और साधन पांडे के निधन की वजह से पंचायती राज, PHE, खाद्य और उपभोक्ता और सहकारिता विभाग में कोई मंत्री नहीं है, जबकि पार्थ के हटने से वाणिज्य और उद्योग का प्रभार भी ममता के पास है। ऐसे में इन विभागों की जिम्मेदारी किसे दी जाएगी

ममता के नए मंत्रिमंडल में भाजपा छोड़कर टीएमसी में आने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को भी जगह दी गई है। एक वक्त था जब पश्चिम बंगाल में बाबुल सुप्रियो भाजपा के पोस्टर बॉय हुआ करते थे। मतलब बंगाल में लगने वाले भाजपा के हर पोस्टर में बाबुल की फोटो जरूर हुआ करती थी। अब वही सुप्रियो ममता सरकार में मंत्री बना दिए गए हैं। अन्य मंत्री भी ऐसे बनाए गए हैं, जिनसे आने वाले दिनों में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

14 महीने के अंदर ममता सरकार का ये दूसरा कैबिनेट का विस्तार है। मंत्रिमंडल में नौ नए मंत्रियों को राज्यपाल एल गणेशन ने राजभवन में शपथ दिलाई। इसमें सात कैबिनेट और दो स्वतंत्र प्रभाव मंत्री बनाए गए हैं।बाबुल ने अपने कॅरियर की शुरुआत एक बैंक कर्मचारी के तौर पर की थी।

बाबुल को उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में प्लेबैक सिंगर के तौर पर अपनी पहचान बनाई। प्लेबैक सिंगर के तौर पर नाम कमाने के बाद बाबुल ने राजनीति में कदम रखा। योग गुरु बाबा रामदेव के कहने पर वह 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हो गए।

ममता कैबिनेट का 14 महीने बाद पूर्व

पहली बार सांसद चुने गए बाबुल को मोदी सरकार में मंत्री पद की जगह दी गई। 2019 में बाबुल ने फिर से टीएमसी की मुनमुन सेन को हराया। फिर बाबुल को केंद्र राज्य मंत्री बनाया गया।बाबुल ने भी भाजपा का साथ छोड़ दिया। वह टीएमसी में शामिल हो गए। इसी साल अप्रैल में हुए उपचुनाव में टीएमसी ने बाबुल को बलीगंज से उम्मीदवार बनाया था। वह जीत भी गए। अब ममता बनर्जी ने उन्हें मंत्री बनाकर इसका इनाम दिया है।

पश्चिम बंगाल की राजनीति का एक स्टार बना दिया है। वह उत्तर पारा समेत कई लोकसभा सीटों पर अच्छा प्रभाव रखते हैं। भाजपा की राजनीति से भी बाबुल वाकिफ हैं। ममता बनर्जी इसका इस्तेमाल आने वाले लोकसभा चुनाव में कर सकती हैं। बाबुल भाजपा के पुराने सैनिक रहे हैं और ममता की पूरी कोशिश होगी कि वह बाबुल के जरिए

ममता बनर्जी के सभी नौ नए मंत्री भाजपा की जीती हुई संसदीय क्षेत्र से आते हैं। ये अपने आप में एक बड़ा दांव है। ममता ने उन्हीं क्षेत्रों के विधायकों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है, जहां भाजपा मजबूत है। ये एक बड़ा संदेश है। ममता 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहीं हैं।’ Director – Architecture & Project Managemen

ममता ने केवल इन्हें मंत्री नहीं बनाया है, बल्कि इन्हें नौ संसदीय सीटों की जिम्मेदारी भी दी है। इन मंत्रियों से साफ कहा गया है कि कुछ भी करके वह क्षेत्र में भाजपा का वर्चस्व कम करें ताकि 2024 में टीएमसी इन सीटों को वापस जीत सके।’