दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच विशेषज्ञों ने मंगलवार को कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के अस्पतालों में भर्ती होने की दर अब भी कम है। हालांकि, उन्होंने हर व्यक्ति के सतर्क रहने और सभी सुरक्षा उपायों का पालन करने पर जोर दिया। विशेषज्ञों ने कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में हालिया वृद्धि के लिए लोगों का एहतियाती उपायों की अनदेखी करना और छुट्टियों के मौसम में घूमना-फिरना मुख्य रूप से जिम्मेदार है।
दिल्ली के प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने मानना है कि अभी घबराने वाली स्थिति नहीं है, लेकिन उन्होंने सुरक्षा उपायों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। डॉक्टरों ने कहा कि कई लोगों ने टीकाकरण के बाद आत्मसंतोष का भाव आने या डर खत्म होने के कारण मास्क पहनना या सार्वजनिक जगहों पर उसे ठीक तरीके से लगाना बंद कर दिया है।
बुजुर्ग, बीमार और लो इम्यून सिस्टम वाले लोग हो रहे भर्ती
अपोलो हॉस्पिटल में वरिष्ठ सलाहकार डॉ. सुरनजीत चटर्जी ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में कोविड-19 के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, लेकिन इस समय घबराने की कोई बात नहीं है, क्योंकि मरीजों के अस्पतालों में भर्ती होने की दर अब भी बहुत कम है। यही नहीं, कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आए अधिकांश लोगों में ज्यादा तीव्र लक्षण भी नहीं उभरे हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर बुजुर्ग, बीमार और लो इम्यून सिस्टम वाले लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं।
कोरोना के साथ जीना सीखना होगा
उन्होंने कहा कि हमें इस महामारी के साथ जीने की जरूरत है, लेकिन सुनिश्चित करें कि सभी आवश्यक सावधानी बरती जाएं, खासकर मास्क पहनना न छोड़ें। जिन लोगों में कोई भी लक्षण उभरे, वे खुद को आइसोलेट कर लें, ताकि संक्रमण औरों में न फैले। डॉ. चटर्जी के मुताबिक, इन दिनों बड़ी संख्या में लोग या तो रैपिड एंटीजन जांच करवा रहे हैं या फिर घर पर उपयोग के लिए बनाई गई किट से टेस्ट कर रहे हैं।