first airport-based, self-powered indoorभारत की first Airport based self-powered indoor वायु गुणवत्ता निगरानी सुविधा समर्पित की

first airport-based self-powered indoor, हम वर्तमान में बायो E3 रणनीति जैसे अभियानों के माध्यम से अगले आधुनिक उथल-पुथल की योजना बना रहे हैं: डॉ. जितेन्द्र सिंह

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एसोसिएशन पादरी ने राजीव गांधी बायोटेक्नोलॉजी केंद्र में एससी/एसटी किसानों और कारीगरों की बैठक की एसोसिएशन पादरी राज्य विज्ञान और नवाचार (निःशुल्क) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भारत के सबसे यादगार हवाई अड्डे आधारित स्व-नियंत्रित इनडोर वायु गुणवत्ता निगरानी कार्यालय पवन चित्रा का अनावरण किया।

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ऑफ-नेटवर्क वायु गुणवत्ता स्क्रीन को स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्रियों से बने CSIR-NIIST द्वारा विकसित देशी इनडोर सौर सेल द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (ब्रिक-RGSB) और स्वदेशी विज्ञान विकास केरल (एसएसएम-के) द्वारा संचालित जैव प्रौद्योगिकी अन्वेषण एवं विकास बोर्ड के विभिन्न कार्यक्रमों के लाभार्थी 300 SC/ST किसानों और शिल्पकारों को संबोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष ने कहा कि भारत के लिए जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनने का समय आ गया है।

तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे

संघ के अध्यक्ष ने कहा कि भारत वर्तमान में आने वाले आधुनिक संकट के लिए तैयार हो रहा है और बायो E3 रणनीति जैसे अभियान इसमें सहायक होंगे।

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भारत के लिए जैव प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, बागवानी क्षेत्रों पर विशेष जोर देकर वैश्विक स्तर पर उभरने का यह सही समय है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि समय आ गया है कि हम अपने किसानों द्वारा विकसित उत्पादों के लिए प्रोत्साहन जोड़ने के लिए रचनात्मक तरीके अपनाएं। संघ के अध्यक्ष ने तिरुवनंतपुरम को भारत की विज्ञान राजधानी भी बताया।

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पुरस्कार विजेता किसानों को बधाई

संघ के अध्यक्ष ने कार्यक्रम में विज्ञान विरासत परियोजना के तहत दो पुस्तकें भी वितरित कीं। पादरी ने ब्रिक-RGSB के पैतृक विरासत उद्यम के तहत छह स्थानीय क्षेत्र परियोजनाओं को भी रवाना किया और इस अवसर पर पुरस्कार विजेता किसानों को बधाई दी। समारोह का संचालन करने वाले RGSB के प्रमुख चंद्रभास नारायण ने एसोसिएशन पादरी को एक मोमेंटो भेंट किया।

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विदेशी मुद्दों के लिए राज्य के पूर्व एसोसिएशन पादरी, श्री वी.मरलीधरन, वीएसएससी प्रमुख, डॉ. एस उन्नीकृष्णन, CSIR -NIIST प्रमुख, सी. आनंदधर्मकृष्णन, स्वदेशी विज्ञान विकास केरल (एसएसएम-के) के अध्यक्ष, श्री के मुरलीधरन, स्वदेशी विज्ञान विकास केरल (एसएसएम-के) के सचिव, राजीव सी नायर भी उपस्थित थे।

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