नेवे याकोव में 28 जनवरी को अंधाधुंध फायरिंग हुई

इजराइल के यरुशलम के नेवे याकोव में 28 जनवरी को अंधाधुंध फायरिंग हुई। इसमें 7 लोगों की मौत हो गई। 10 लोग घायल हुए। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, फायरिंग एक पूजा स्थल के पास हुई। पुलिस ने इसे आतंकी हमला बताया है। पुलिस ने कहा कि हमलावर फिलिस्तीनी था और उसे मार दिया गया है। पुलिस कमिशनर कोबी शबताई ने कहा- हमला रात 8:15 बजे हुआ। 21 साल का हमलावर अलकाम खायरी पूजा स्थल के पास पहुंचा। वो प्रार्थना खत्म होने का इंतजार कर रहा था।
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मरने वालों में एक बुजुर्ग महिला भी शामिल थी

जैसे ही लोगों ने बाहर आना शुरू किया उसने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद वो एक कार में बैठकर फरार हो गया। यह हमला 26 जनवरी को फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक में इजराइल की तरफ से किए गए हमले के बाद हुआ है। यहां 9 लोगों की मौत हो गई थी। 16 लोग घायल हुए थे। मरने वालों में एक बुजुर्ग महिला भी शामिल थी। हमला करने के बाद हमलावर फरार हो गया। उसे एक कार में बैठकर फिलिस्तीन के बीट हनीना की तरफ भागते देखा गया।
मलावर ने भागने की कोशिश इस दौरान उसने पुलिस पर भी फायरिंग

इसके 5 मिनट बाद ही पुलिस ने उसकी गाड़ी को रोक लिया। हमलावर ने भागने की कोशिश इस दौरान उसने पुलिस पर भी फायरिंग की। इसकी एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें पुलिस और हमलावर के बीच मुठभेड़ देखी जा सकती है। पुलिस ने कहा कि जवाबी कार्रवाई में हमलावर मारा गया। एक अधिकारी ने बताया कि पूजा स्थल पर हुई फायरिंग में 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। 3 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इनमें से एक शख्स ने आज दम तोड़ दिया।
फायरिंग से पहले रास्ते से गुजर रही एक महिला को गोली मारी

चैनल 12 न्यूज के मुताबिक, हमलावर ने पूजा स्थल पर फायरिंग से पहले रास्ते से गुजर रही एक महिला को गोली मारी। इसके बाद बाइक पर जा रहे एक शख्स पर हमला किया। घटना के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू वहां पहुंचे। उन्होंने इस हमले को गंभीर और खतरनाक हमला बताया। उन्होंने कहा- मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ है। मैं उन पुलिस अधिकारियों की सराहना करता हूं जिन्होंने इतनी जल्दी कार्रवाई की। हमें संयम से काम लेना चाहिए।
ये यरुशलम में 2011 के बाद हुआ सबसे खतरनाक आतंकी हमला है

मैं लोगों से कानून अपने हाथ में नहीं लेने की अपील करता हूं। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, ये यरुशलम में 2011 के बाद हुआ सबसे खतरनाक आतंकी हमला है। 2011 में फिलिस्तीनी आतंकी मिस्र के सिनाई पेनिनसुला के रास्ते इजराइल में घुसे थे और 8 इजराइलियों को मार दिया था। इसके पहले 2008 में फिलिस्तीनी आतंकी ने मरकज हारव येशिवा में 8 इजराइली छात्रों की हत्या कर दी थी। फिलिस्तीनी मीडिया के मुताबिक, इजराइल पर हुए इस हमले के बाद गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक और अन्य शहरों में लोगों ने जश्न मनाया।
सरकार बनने के बाद से दोनों देशों के बीच संघर्ष और बढ़ गया

इजराइल में बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार बनने के बाद से दोनों देशों के बीच संघर्ष और बढ़ गया। इजराइली हमले भी बढ़े हैं। इजराइली रेड में इस साल 1 जनवरी 2023 से अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 15 सिर्फ जेनिन में मारे गए हैं। मरने वालों में 5 बच्चे भी शामिल हैं। इजरायली पुलिस ने बताया कि यह हमला पूर्वी यरुशलम के एक यहूदी इलाके नेवे याकोव में हुआ है। हमले के तुरंत बाद पुलिस बल घटना स्तल पर पहुंच कर हमलावर को गोली मार दी। हालांकि पुलिस ने इस बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी है।
एम्बुलेंस सेवा का कहना है कि इस हमले में पांच लोगों की मौत हो गई है

समाचार एजेंसी एपी ने यह जानकारी दी है। इजरायली मीडिया के मुताबिक, बंदूकधारी पूर्वी यरुशलम का रहने वाला एक फलस्तीनी था हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने इस हमले में मरने वालों की संख्या सात बताई है, जबकि एम्बुलेंस सेवा का कहना है कि इस हमले में पांच लोगों की मौत हो गई है। मालूम हो कि यह हमला वेस्ट बैंक में एक इजरायली सैन्य हमले में नौ लोगों की मौत के एक दिन बाद हुआ है। पूजा स्थल में हुई गोलीबारी की जिम्मेदारी अभी किसी संगठन ने नहीं लिया है।
हालांकि गाजा को नियंत्रित करने वाले इस्लामी उग्रवादी समूह हमास ने हमले की जिम्मेदारी लिए बिना प्रशंसा की है। हमास के प्रवक्ता हजेम कासिम ने कहा कि यह ऑपरेशन जेनिन में कब्जे वाले अपराध की प्रतिक्रिया के खिलाफ है। छोटे उग्रवादी समूह इस्लामिक जिहाद ने भी जिम्मेदारी का दावा किए बिना हमले की प्रशंसा की।