देश भर में लगातार देश भर में मनाया गया हरियाली महोत्सव, लाखों की संख्या में हुआ वृक्षारोपण और बेतरतीबी से हो रहे निर्माण कार्यों के चलते धरती से जिस तरह हरियाली कम होते जा रही वह सम्पूर्ण विश्व के लिए चिंता का विषय है,ग्लोबल वार्मिंग हर जीव जंतु से लेकर हमारे वातावरण के लिए खतरे का पहले ही संकेत दे रहा और ऐसे में अगर हम अब नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब इस धरती पर किसी का भी जीवन जीना दूभर हो जाए,
विश्व को इन हालातों से बचाने संयुक्त प्रयास की जरूरत है कि ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाए जाएं साथ ही उनकी रक्षा भी की जाए कुछ इसी तरह का भाव लेकर हरियाली अमावस्या को हरियाली महोत्सव के रूप में मनाने का संकल्प अखिल भारतीय माँ नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ ने लिया और एक जागरूकता अभियान चला कर लोगों को जागरूक कर
28 जुलाई हरियाली अमावस्या के दिन न केवल नर्मदा उद्गम से लेकर रत्नाकर संगम तक बल्कि जम्मू काश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लाखों की संख्या में वृक्षारोपण कर यह जता दिया कि नेक नियति से अगर कोई भी कार्य किया जाए तो लोग खुद ब खुद इसमें जुड़ते जाते हैं।
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अखिल भारतीय माँ नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ के देश भर में फैले सभी पदाधिकारियों ने एक मत होकर यह संकल्प लिया था कि इस बार हरियाली अमावस्या के नाम को चरितार्थ करते हुए पूरे देश में इसे महापर्व के रूप में ऐसे मनाया जाए कि अपने नाम के अनुरूप यह पर्व प्रकृति का हरियाली से श्रंगार करने में मदद करे,बीड़ा तो उठाया गया था
पहले साल नर्मदा उद्गम अमरकंटक से लेकर रत्नाकर संगम तक वृक्षारोपण किया जाए लेकिन लोग इस अभियान से जुड़े कि देश के कौने कौने से हरियाली को संवारने पौध रोपण की जो तस्वीरें सामने आईं वह सभी का हौसला बढ़ाने वाली हैं।
नागरिकों की सहभागिता से अधिक-से अधिक पेड़ लगाना, कचरा मुक्त वातावरण बनाना, शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराकर एक स्वच्छ भारत का निर्माण करना है। देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत का निर्माण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अस्वच्छ भारत की तस्वीरें भारतीयों के लिए अक्सर शर्मिंदगी की वजह बन जाती है
स्वच्छ भारत के निर्माण एवं देश की छवि सुधारने का यह सही समय एवं अवसर है। यह अभियान न केवल नागरिकों को स्वच्छता संबंधी आदतें अपनाने बल्कि हमारे देश की छवि स्वच्छता के लिए तत्परता से काम कर रहे देश के रूप में बनाने में भी मदद करेगा।
संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। उन्होंने “स्वच्छ भारत” का सपना देखा था जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें। महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए,भारत के सभी नागरिकों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की।
जिस तरह से अखिल भारतीय माँ नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ के इस अभियान को समर्थन मिला इसे देखते हुए सभी पदाधिकारियों ने अभियान से जुड़े सभी नागरिकों को साधुवाद देते हुए इसे बड़ी जिम्मेदारी के रूप में स्वीकारा और प्रतिवर्ष हरियाली अमावस्या को हरियाली उत्सव मनाने का संकल्प लिया है वहीं लगाए गए नन्हें ESIC Delhi Specialist Grade-II [Pathology] Recruitment 2022 – M.D/ M.Sc/ Ph
पौधों को वृक्ष बनने तक उनकी रक्षा की भी अपील करते हुए कहा कि कोई भी कहीं भी पौधा लगा कर पूरे साल इस अभियान से जुड़ सकता है,हरियाली अमावस्या बस एक पर्व है जिसका प्रसाद ताउम्र हर जीवन जीने वालों को मिलता रहेगा।
सरकार से पंजीकृत संगठन अखिल भारतीय माँ नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ माँ नर्मदा से संबंधित सभी विषयों पर संकल्पित होकर कार्य कर रहा है अखिल भारतीय माँ नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ माँ नर्मदा को सिर्फ तीन राज्यों का ही नहीं उसे ब्रम्हांड का विषय मानकर कार्य कर रहा है माँ नर्मदा का प्रतिवर्ष लाखों लोग पैदल परिक्रमा करते हैं ये परिक्रमा लगभग 4000 किलोमीटर की होती है
संगठन नर्मदा, परिक्रमा और सेवा के साथ ही अध्यात्म,संस्कृति, शिक्षा,गौवंश, गुरूकुल,पर्यावरण के अलावा प्रकृति,नदियों के संरक्षण और संवर्द्धन का कार्य करता है अखिल भारतीय माँ नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ वालेंटियर्स का एक चैन बना रहा है जिससे नर्मदा परिक्रमा के साथ ही पूरे देश में सेवा के साथ अन्य लक्ष्यों पर कार्य कर सके. वही कोई भी व्यक्ति इस संघ से निशुल्क जुड़ कर अपना अमूल्य सहयोग दे सकता है।