भारत की 75 तस्वीरें पहला रॉकेट अब्दुल कलाम ने असेंबल किया

भारत की 75 तस्वीरें पहला रॉकेट अब्दुल कलाम ने असेंबल किया

तिरंगे को राष्‍ट्रध्‍वज के रूप में अपनाने का प्रस्‍ताव रखा

भारत की 75 तस्वीरें पहला रॉकेट अब्दुल कलाम ने असेंबल किया

हरीश भिमानी 1947 का हिन्दुस्तान की 13वीं कड़ी की आवाज में सुनिए

देश की आजादी से 22 दिन पहले 22 जुलाई 1947 को दिल्ली के कॉन्‍स्‍टीट्यूशन क्लब में संविधान सभा की बैठक हुई। जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगे को राष्‍ट्रध्‍वज के रूप में अपनाने का प्रस्‍ताव रखा, जो स्वीकार कर लिया गया। लाल किले पर पहली बार 15 अगस्त को नहीं, बल्कि 16 अगस्त 1947 को सुबह 8.30 बजे प्रधानमंत्री नेहरू ने तिरंगा फहराया था।

लाल किले पर सबसे ज्यादा 17 बार जवाहरलाल नेहरू ने और 16 बार इंदिरा गांधी ने ध्वजारोहण किया।1961 भारतीय नौसेना में पहला विमानवाहक पोत INS विक्रांत शामिल हुआ। ये तब किसी एशियाई देश का पहला विमानवाहक पोत था। फिलहाल दुनिया में भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन के पास विमानवाहक पोत बनाने की क्षमता है।

आजादी मिले 75 साल हो गए हैं। इन सालों में आजादी ने देश की तस्वीर और तकदीर दोनों बदली है। इसमें न सपनों की सीमा है, न ही कोई लक्ष्य धुंधला है। देश हरित क्रांति के जरिए अनाज पैदा करने में आत्मनिर्भर हुआ तो मिसाइल अग्नि-5 बनाकर पूरे चीन को जद में ले लिया। क्रिकेट में तीन वर्ल्ड कप जीते तो ओलिंपिक में गोल्डन डेज भी आए। पोखरण के जरिए परमाणु शक्ति हासिल की तो पाकिस्तान को हर युद्ध में रौंदा भी है।

विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टतम योगदान

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कलाम साहसी, ईमानदार, दार्शनिक, महान विचारक थे जिन्होंने आत्मनिरीक्षण करके अंतरात्मा पर भरोसा किया। वो कठिनतम समय के दौरान भी अध्ययनरत, मौन, शांत रहते थे, त्वरित निर्णय लेने के बीच भी दीर्घकालीन लाभ के लिए चिंतित रहते थे। कलाम अपने कर्मचारियों की क्षमताएं बखूबी जानते थे पर अपूर्णता से निराश होते थे।

उन्होंने सारी ऊर्जा और ध्यान अनुसंधानों में लगाया इसीलिए विवाह और परिवार की आवश्यकता महसूस नहीं की। विश्वरूपी विशाल परिवार के साथ घनिष्ठता से जुड़े, अच्छाइयों की साक्षात प्रतिमूर्ति कलाम को सभी बेशर्त प्रेम करते थे। आदर्शवादी कलाम में खामियां नहीं थीं, उन्होंने साबित किया कि कुछ भी असंभव नहीं।

कलाम, भारत की चुनिंदा हस्तियों में हैं जिन्हें विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टतम योगदान, देशहित और समाजोत्थान हेतु किए गए कार्यों के लिए सर्वोच्च पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें 1981 में ‘पद्मभूषण’, 1990 में ‘पद्मविभूषण’ और देश-विदेश के 48 विश्वविद्यालयों, संस्थानों ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की, अन्ना यूनिवर्सिटी ने डॉक्टर की उपाधि से सम्मानित किया। कलाम तीसरे राष्ट्रपति थे जिन्हें राष्ट्रपति बनने से पहले ही, 1997 में सर्वोच्च सम्मान, ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया गया।

मिशन का दूसरा रॉकेट काफी बड़ा और भारी

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कलाम 27 जुलाई, 2015 को आईआईएम, शिलॉन्ग में, ‘रहने योग्य गृह’ पर व्याख्यान दे रहे थे जब उन्हें हृदयाघात हुआ, वे बेहोश होकर गिरे और उनका देहांत हो गया। प्रखर मेधा के धनी, ओजस्वी वक्ता, ‘थिंक टैंक’, कलाम के जाने से जो शून्य उत्पन्न हुआ, उसकी भरपाई असंभव है। कलाम चले गए मगर आज भी करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत हैं और भारतभूमि ऐसे महान, विलक्षण सुपुत्र के लिए सदा गौरवांवित रहेगी।

आपको जानकर हैरानी होगी कि इसरो का सफर बेहद ही साधारण तरीके साइकिल और बैलगाड़ी के जरिए हुआ था। डॉ. विक्रम साराभाई ने 15 अगस्त 1969 को इसरो की स्थापना की थी। वैज्ञानिकों ने पहले रॉकेट को साइकिल पर लादकर प्रक्षेपण स्थल पर ले गए थे। इस मिशन का दूसरा रॉकेट काफी बड़ा और भारी था, जिसे बैलगाड़ी के सहारे प्रक्षेपण स्थल पर ले जाया गया था।

इससे ज्यादा रोमांचकारी बात ये है कि भारत ने पहले रॉकेट के लिए नारियल के पेड़ों को लांचिंग पैड बनाया था। पूरे भारत में इसरो के 13 सेंटर हैं।देश के वैज्ञानिकों ने पहला स्वदेशी उपग्रह एसएलवी-3 लांच किया था। यह 18 जुलाई 1980 को लांच किया गया था। इस प्रोजेक्ट के डायरेक्टर पूर्व राष्ट्रपति श्री डॉक्टर अब्दुल कलाम थे।

13 जनवरी 1970 को देश में ऑपरेशन फ्लड यानी श्वेत क्रांति की शुरुआत हुई। तस्वीर में बॉम्बे कुर्ला में डेयरी का उद्घाटन करते तब के कृषि मंत्री जगजीवन राम। 1996 तक चली इस क्रांति के दौरान भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बन गया।

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1972 में किरण बेदी देश की पहली महिला IPS ऑफिसर बनीं। 2007 में उन्होंने समय से पहले रिटायरमेंट लेकर राजनीति में एंट्री ली। बाद में पुड्डुचेरी की राज्यपाल भी रहीं।1976 में अभिनेत्री परवीन बाबी की तस्वीर टाइम मैगजीन ने कवर पर छापी। वह टाइम के कवर पर जगह पाने वाली बॉलीवुड की पहली हिरोइन थीं। अमिताभ बच्चन और बॉबी ने आठ फिल्मों में एक साथ काम किया। इनमें अमर अकबर एंथनी, दीवार, नमक हलाल, शान जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल हैं।

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