भाजपा कार्यकर्ता द्वारा नायब तहसीलदार दादरी को चौकी में बैठाकर धमकी
उत्तर प्रदेश ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के दादरी तहसील में नियुक्त नायब तहसीलदार सचिन पवाँर पर, स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता ने रिश्वत माँगने व अभद्रता करने का आरोप लगाते हुये, जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर को शिकायत की है।विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी से ज्ञात हुआ है कि, नायब तहसीलदार अपनी अधिकारिता क्षेत्रान्तर्गत एक जमीन विवाद प्रकरण में, लेखपाल के साथ, विवादित स्थल पर निरीक्षण करने पहुँचे थे कि, तभी विवादित स्थल पर पहले से काबिज स्थानीय किसान एव भाजपा के युवा मोर्चा अध्यक्ष पहुँचे
तथा, नायब तहसीलदार के कार्य एव जाँच भाजपा पदाधिकारी व सत्ता की शक्ति से प्रभावित करने का प्रयास किया तथा,भाजपा कार्यकर्ता व युवा मोर्चा का पदाधिकारी बताते हुये कहा कि, वह विवादित स्थल पर पिछले 50 वर्षों से काबिज है, चाहें वह गलत ही सही।जबकि, दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश् के मुखिया योगी आदित्यनाथ अपना पक्ष स्पष्ट कर चुके हैं कि, यदि किसी कालखण्ड में कभी कोई गलती हुई भी है तो, उसे सुधारते हुये, तमाम अवैध कब्जे हटाकर, सरकारी एव गैर सरकारी भूमि कब्जा मुक्त करवाई जाये
जिसके परिणाम स्वरूप, प्रदेश भर में, ग्राम समाज, एलएमसी(,नगर निगम) तालाब व गोचर इत्यादि भूमि पर 50 सो वर्ष पुराने अतिक्रमण को तोड़ा व हटाया भी जा रहा है, इस तरह एक प्रकार से नवप्रदेश निर्माण के साथ साथ अवैध कब्जों एव माफियाओं के सफाया भी हो रहा।
भाजपा कार्यकर्ता नायब तहसीलदार के साथ मारपीट कर सकते थे
किन्तु, कदाचित सत्ता शासित दल के कुछ भाजपा कार्यकर्ता फिर भी भृम में जी रहे हैं और, शायद सत्ता शक्ति प्रदर्शन करने से बाज नहीं आ रहे हैं।जबकि, सूत्रों की माने तो, यदि नायब तहसीलदार यदि समय रहते विवादित स्थल छोड़कर, विवादित स्थल से करीबी पुलिस चौकी किसान चौक नहीं पहुँचते तो, शायद स्थानीय दबंग जो वास्तविक भूमि से अधिक अन्य खसरे पर कब्जा किये हुये है, नायब तहसीलदार के साथ मारपीट कर सकते थे।
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बहराल, लोकसेवक के कार्य को सत्ता की शक्ति दिखाकर, लोकसेवक के कार्य को प्रभावित करना, न्याय को प्रभावित करना है तथा, तहसीलदार पर लगा रिस्वत माँगने का आरोप मनगढंत व आधारहीन है फिर भी, यदि किसी को लगता है तो, वैधानिक प्रक्रिया के अंतर्गत उच्च स्तरीय जाँच हो सकती है किन्तु, किसी लोक सेवक को डरना, धमकाना या उसके कार्य को बाधित करना संगेय अपराध है।अब क्या सही है और क्या गलत जाँच का विषय है।
डा0 वी0के0सिंह
(खोजी पत्रकार)