आज दिल्ली राज्य के वाम दलों (सीपीआई-एम, सीपीआई, सीपीआई-एमएल, आरएसपी, एआईएफबी और सीजीपीआई) ने Modi Sarkar से सवाल करने एवं उनकी आलोचना करने वाले मीडिया को चुप कराने की बेशर्म कोशिश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। इस विरोध प्रदर्शन में दिल्ली के सभी इलाकों से सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। एक आवाज में लोगों ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए पत्रकारों की तत्काल रिहाई की मांग की। उपस्थित सभी लोगों ने स्वतंत्र मीडिया के खिलाफ आरएसएस-भाजपा के इन हमलों की निंदा की।
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Modi Sarkar: इस अवसर पर बोलते हुए सीपीआई(एम) की पोलित ब्यूरो सदस्य कॉमरेड बृंदा करात ने कहा कि पत्रकारों की गिरफ़्तारी केंद्र में आरएसएस-भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के निर्देश पर एक साजिश है। इन पत्रकारों के खिलाफ ईडी-सीबीआई-आईबी पिछले तीन साल से जाँच कर रही थी और उन्हें कोई सबूत भी नहीं मिला। ईडी के केस में दिल्ली उच्च न्यायालय ने इन पत्रकारों की गिरफ़्तारी पर रोक लगाई हुई थी
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Modi Sarkar

जिसपर अंतिम सुनवाई 9 से 11 अक्टूबर को होनी थी। ऐसे में केन्द्रीय गृह मंत्रालय के नेतृत्व वाली दिल्ली पुलिस के द्वारा यूएपीए जैसी गंभीर धाराओं में नए झूठे केस बनाकर इन पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की गिरफ़्तारियों के ख़िलाफ़ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन ने न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ झूठे सरकारी प्रचार को नकारने का काम किया है। बृंदा करात ने कहा कि आपातकाल के दौरान जेल की सजा काटने वाले और वैज्ञानिक सोच के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी मोदी सरकार की एक शर्मनाक कार्यवाही है।
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Modi Sarkar: उनके अलावा अलावा अमरजीत कौर (सीपीआई), जी देवराजन (एआईएफबी), रवि राय (सीपीआई-एमएल), आरएस डागर (आरएसपी), प्रकाश राव (सीजीपीआई) ने भी अपनी बात रखी। बैठक की अध्यक्षता सीपीआई(एम) राज्य सचिव कॉमरेड के.एम. तिवारी ने की। प्रदर्शन में नोएडा से सीपीआई,(एम) नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा, रेखा चौहान, रामस्वारथ आदि के नेतृत्व में दर्जनों माकपा कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया!