आज (अक्टूबर 25, 2023), श्रीमती। President of India द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में एक अंतरधार्मिक सभा में भाग लिया और भाषण दिया।
कार्यक्रम में बोलते हुए President of India ने कहा कि धर्म हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कठिन परिस्थितियों में, धार्मिक प्रथाएँ और विश्वास हमें आराम, आशा और शक्ति देते हैं। मनुष्य प्रार्थना और ध्यान के माध्यम से भावनात्मक स्थिरता और आंतरिक शांति प्राप्त कर सकता है। हालाँकि, सद्भाव, पवित्रता, प्रेम और सत्य जैसे आवश्यक आध्यात्मिक सिद्धांत ही हमारे जीवन को उद्देश्य देते हैं। इन सिद्धांतों के बिना धार्मिक अनुष्ठान हमारे लिए लाभकारी नहीं हो सकते। समाज में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए सद्भाव, सहिष्णुता और एक दूसरे के प्रति सम्मान के मूल्य को समझना आवश्यक है।

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President of India
राष्ट्रपति के अनुसार, प्रत्येक मानव आत्मा आराधना और सम्मान की पात्र है। पारस्परिक शांति और भावनात्मक एकीकरण का प्राकृतिक मार्ग आत्म-जागरूकता है, किसी के अंतर्निहित आध्यात्मिक मूल्यों के अनुसार रहना और भगवान के साथ आध्यात्मिक संबंध रखना है।

President of India के अनुसार, करुणा और प्रेम के बिना मानवता का अस्तित्व नहीं रह सकता। जब सभी धर्मों के लोग शांतिपूर्वक एक साथ रहते हैं, तो समुदाय और राष्ट्र का सामाजिक ताना-बाना मजबूत होता है। इसकी ताकत से देश की एकजुटता और मजबूत होती है, जो इसे आगे बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य तक पहुंचने में सभी की सहायता की आवश्यकता होगी, जिसका लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है।